MP Politics : मोहन की मेट्रो.. Congress की ‘पटरी’!… लोकसभा चुनाव से पहले नए स्टेशन की तैयारी कर रही है भाजपा
Face To Face Madhya Pradesh : मोहन की मेट्रो..कांग्रेस की पटरी, जी हां.. मध्यप्रदेश में सीएम ड़ॉ मोहन यादव की मेट्रो फुल स्पीड में चल रही है
Face To Face Madhya Pradesh
भोपाल : Face To Face Madhya Pradesh : मोहन की मेट्रो..कांग्रेस की पटरी, जी हां.. मध्यप्रदेश में सीएम ड़ॉ मोहन यादव की मेट्रो फुल स्पीड में चल रही है, लेकिन अब सीएम डॉ मोहन कांग्रेस विधायक को भी अपनी मेट्रो की सवारी कराना चाहते हैं। तभी तो संस्कारधानी में कांग्रेस विधायक को खुले मंच से ऑफर दिया कि कहां गलत पटरी में बैठे हैं। हमारी मेट्रो की सवारी कीजिए। तो क्या है इस ऑफर के मायने और क्या लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी किसी नए स्टेशन की तैयारी कर रही है।
Face To Face Madhya Pradesh : मंच था मध्यप्रदेश की जनता को सौगात देने का मंच पर दिग्गजों का जमावड़ा था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, डिडौरी से कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम मंच पर मौजूद थे। तभी सीएम मोहन यादव ने कुछ ऐसा कहा दिया। जिससे ये सरकारी मंच पूरी तरह से सियासी हो गया। दरअसल, सीएम ने खुले मंच से कमलनाथ के करीबी कांग्रेस विधायक को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे दिया।
दरअसल, जबलपुर में आयोजित सरकारी कार्यक्रम में महाकौशल अंचल के सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे। जिसमें डिंडौरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी मौजूद थे। सीएम मोहन यादव सभी का नाम ले रहे थे। इसी दौरान सीएम ने जब कांग्रेस विधायक का नाम लिया तो उन्हें मंच से ही कहा कि, ‘कहां गलत पटरी में बैठे हैं, हमारे यहां आ जाएं’। अब ये पार्टी में आने का न्यौता है या कुछ और ये बड़ा सवाल है। सीएम के बयान पर ओमकार सिंह मरकार ने IBC24 से बातचीत में बोला की सीएम सपना देख रहे हैं।
Face To Face Madhya Pradesh : सीएम के इस बयान के बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। लोकसभा से पहले प्रदेश में दलबदल की सियासी आग एक बार फिर भड़क गई है औऱ सियासी वार-पलटवार भी शुरू हो गया है।
लोकसभा चुनाव का भले ही ऐलान ना हुआ हो, लेकिन सरकार से लेकर सियासी दलों की सभी कवायद को लेकर लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा रहा है। ओमकार सिंह मरकाम पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी माने हैं और एमपी कांग्रेस के एक बड़ा आदिवासी चेहरे हैं। साथ ही डिंडौरी से लगातार चार बार के विधायक भी। मगर, सरकारी मंच से पार्टी में आने का ऑफर देना क्या इस बात की ओऱ इशारा है कि पार्टी महाकौशल पर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है?

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