MP News : चुनाव से पहले सशस्त्र बल का संविलियन की मांग हुई तेज, प्रदेश सरकार से लगाई न्याय की गुहार
चुनाव से पहले सशस्त्र बल का संविलियन की मांग हुई तेज:Demand for merger of armed forces intensifies before elections
CG Election 2023 date
Demand for merger of armed forces intensifies before elections : भोपाल। पुलिस विभाग के अंतर्गत आने वाले सशस्त्र पुलिस बल के कर्मचारियों का जिला बल में संविलियन करने के लिए सशस्त्र बल जिला इकाई मध्यप्रदेश में 60 से अधिक विधायक के द्वारा ज्ञापन में उल्लेखित बातो को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाकर निराकरण करवाए जाने के आश्वासन के साथ, जिसमें मध्यप्रदेश सशस्त्र बल के द्वारा सशस्त्र बल से जिला बल में संविलियन हेतु कुछ प्रावधानों के बारे में पुलिस के ऐसे शासकीय सेवक है। जिन्होंने 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो उनको जिला बल में शामिल किया जाये जिससे बिसबल (515) और जिलाबल के बिक सामंजस्य हो सके।
Demand for merger of armed forces intensifies before elections : पुलिस की भर्तियों में प्रारंभिक चरण में जवान को विसबल विभाग में 5 वर्ष के लिये पदस्णपना की जाये तत्पश्चात अन्य विभागो में पदानुसार इनकी पदस्थापना होनी चाहिये। मध्यप्रदेश में आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 से व्यापम द्वारा की जा रही है जिसमें जिला और सशस्त्र पुलिस में भर्ती प्रक्रिया एक होने के बाद में इन्हें दो भागों में बांटकर अलग-अलग कर दिया जाता रहा है दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड जैसे राज्य में विसवल के कर्मचारियों का जिला बल एवं अन्य पुलिस विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है। जिसमें कुछ ऐसी बातें रखी गई है।
सरकार पर अतिरिक्त कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। कानून व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधार होगा। थाने चौकियों में बल कमी होती है उसकी पूर्ति होगी। पुलिस अधिक होने पर जनता का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा। थाने चौकियों में एक साथ दो-तीन घटनाएं होने से बल की कमी के कारण आम जनता तक पुलिस नहीं पहुंच पाने की शिकायत दूर होगी। संपूर्ण बल का सदुपयोग होगा। सशस्त्र बल के कर्मचारियों की मानसिक स्थिति में सुधार होगा। कंपनी मूवमेंट न होने से शासकीय कोष में बढ़ोत्तरी होगी साथ ही यात्रा भत्ता नहीं देना पड़ेगा।

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