MP Politics : ‘मिशन दलित’ किसका जोर? गुणा-गणित दोनों ओर, खरगे ने दलितों को दिया बड़ा संदेश

MP Politics : पीएम मोदी के दौरे के ठीक 10 दिन बाद कंग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे आज डॉ हरि सिंह गौर की धरती सागर पहुंचे।

MP Politics : ‘मिशन दलित’ किसका जोर? गुणा-गणित दोनों ओर, खरगे ने दलितों को दिया बड़ा संदेश

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Modified Date: August 22, 2023 / 10:18 pm IST
Published Date: August 22, 2023 10:18 pm IST

भोपाल : MP Politics : पीएम मोदी के दौरे के ठीक 10 दिन बाद कंग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे आज डॉ हरि सिंह गौर की धरती सागर पहुंचे। यहां से खरगे ने एपमी के दलितों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की। खरगे ने कहा कि शिवराज को 18 साल और मोदी को 9 साल तक संत रविदास कहीं नज़र नहीं आए, लेकिन जब वोट खीचने की बारी आई तो वो कह रहे हैं कि हम संत रवि दास का मंदिर बनवाएंगे। निशाना साधने के बाद खरगे ने एक वादा किया है। संत रविदास के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने का। इसके बाद खरगे ने रिपोर्ट कार्ड के बारे में कहा यहां तो रेट कार्ड चलता है। वक्त चुनावी है इसलिए दोनों दल अपने-अपने तरीके से जनता की खीचने की कोशिश कर रहे हैं।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय मुखिया का ये बयान दरअसल जवाब है। उन बातों का, जो ठीक 10 दिन पहले इसी सागर जिले में 100 करोड़ की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर का भूमिपूजन करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने कही थी।

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MP Politics : भाजपा और कांग्रेस के दलितों के हमदर्द बनने के दावे के पीछे के सियासी गणित भी समझ लीजिए। मध्यप्रदेश में दलितों के लिए रिजर्व 35 सीटों में से 2018 में बीजेपी ने 18 और कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। आरक्षित सीटों पर बीजेपी कांग्रेस के बीच मुकाबला कांटे का था। लेकिन सरकार कांग्रेस ने बना ली। क्योंकि कांग्रेस ने 2013 की तुलना में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों में से 13 अधिक सीटें जीती थीं। मध्यप्रदेश में 22 फीसदी आबादी दलित है। बुंदेलखंड में ये आबादी 26 फीसदी के करीब है। जाहिर है बुंदेलखंड के जरिए बीजेपी और कांग्रेस पूरे प्रदेश में दलित आबादी को बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। साल 2018 के चुनाव में बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 6 सीटों में से बीजेपी ने पांच सीटें जीती थी। दलितों की तगड़ी आबादी वाले बुंदेलखंड की 26 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 15 सीटें जीतीं। कांग्रेस को नौ सीटें, जबकि समाजवादी पार्टी और बसपा को एक-एक सीटें मिलीं। इसीलिए एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत दलित आदिवासियों के ईर्द गिर्द इसलिए घूम रही है।

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MP Politics : दलित वोटर राजनैतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुंचने की सबसे बड़ी सीढ़ी हैं। यही वजह है कि एक बार फिर चुनाव के मुहाने पर खड़े मध्यप्रदेश में SC-ST के लिए रिजर्व 82 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही ताकत लगा रहे हैं।

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