बांध परियोजना के प्रभावितों के मुआवजे पर एनबीए की अवमानना याचिका:शीर्ष अधिकारी को अदालती नोटिस

बांध परियोजना के प्रभावितों के मुआवजे पर एनबीए की अवमानना याचिका:शीर्ष अधिकारी को अदालती नोटिस

बांध परियोजना के प्रभावितों के मुआवजे पर एनबीए की अवमानना याचिका:शीर्ष अधिकारी को अदालती नोटिस
Modified Date: July 12, 2025 / 12:17 am IST
Published Date: July 12, 2025 12:17 am IST

जबलपुर, 11 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने ओंकारेश्वर बांध परियोजना से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर शुक्रवार को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के उपाध्यक्ष और राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजोरा को नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति डी डी बंसल की एकल पीठ ने राजोरा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

न्यायालय ने 10 जुलाई, 2023 को एनबीए की याचिका का निपटारा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं भोपाल स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता के अनुरोध पर यथाशीघ्र विचार करें।

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एनबीए की अवमानना ​​याचिका में दावा किया गया है कि मध्यप्रदेश सरकार ने ओंकारेश्वर बांध से प्रभावित किसानों और उनके परिवारों के लिए सात जून, 2023 को एक विशेष पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी। उसने कहा कि इसमें उन किसानों और उनके बच्चों को 2.5 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का प्रावधान था जिनके पास जमीन नहीं है।

एनबीए की याचिका के अनुसार, अदालती आदेशों के बावजूद परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया।

भाषा

राजकुमार वैभव

वैभव


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