बरसात के समय किसी भी आदिवासी को मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा: मुख्यमंत्री मोहन यादव

बरसात के समय किसी भी आदिवासी को मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा: मुख्यमंत्री मोहन यादव

बरसात के समय किसी भी आदिवासी को मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा: मुख्यमंत्री मोहन यादव
Modified Date: August 4, 2025 / 08:34 pm IST
Published Date: August 4, 2025 8:34 pm IST

भोपाल, चार अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आदिवासियों के वनाधिकार दावों को निरस्त किए जाने और उन्हें बेदखल किए जाने के कांग्रेस के आरोपों का खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि बरसात के समय किसी भी आदिवासी को मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा।

यादव ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम आदिवासी अंचल में किसी को भी कठिनाई नहीं आने देंगे। धरती आबा योजना, प्रधानमंत्री जनमन योजना के जरिए आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, स्कूल, अस्पताल और दो लाख रुपये तक के मकान निर्माण समेत कई काम शुरू किए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार दलगत भावना से ऊपर उठकर काम कर रही है और विपक्ष का भी कोई विधायक आदिवासी क्षेत्र के विकास का सुझाव देता है तो सरकार उसके साथ खड़ी रहेगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी परंपराओं को सम्मान देने के लिए भगोरिया और अन्य पर्वों को राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। ‘डीजे’ बंद कर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। बरसात के समय किसी भी आदिवासी को मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा।’’

यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने अब तक 23.50 हजार से अधिक पट्टे दिए हैं, जबकि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में एक भी पट्टा नहीं दिया गया।

इससे पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में आदिवासियों के वनाधिकार दावों को कथित तौर पर निरस्त किए जाने और उन्हें बेदखल किए जाने के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से इस मुद्दे को उठाते हुए सिंघार ने कहा, ‘‘सरकार की नीयत साफ नहीं है। जो आदिवासी पीढ़ियों से जंगलों पर निर्भर हैं, उनसे उनकी ज़मीन छीनकर सरकार निजी हाथों में सौंपना चाहती है।’’

उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में अब तक लगभग तीन लाख 22 हजार वनाधिकार पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं, जो आदिवासी समाज के साथ खुला ‘अन्याय’ है।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करते हुए स्पष्ट बदलाव करने की आवश्यकता है।

सिंघार ने इस दौरान वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 41 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया गया है, जो राज्य की जनसंख्या से भी अधिक है। उन्होंने पूछा कि इतने पौधे आखिर कहां लग गए?

उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में नर्मदा किनारे लाखों पौधे लगाने का दावा किया गया था, लेकिन एक भी पौधा नहीं बचा।

नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि क्या जनता का पैसा इसी तरह बर्बाद किया जाएगा?

भाषा ब्रजेन्द्र

राजकुमार

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