Publish Date - July 22, 2025 / 11:15 PM IST,
Updated On - July 23, 2025 / 12:05 AM IST
HIGHLIGHTS
मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 27% ओबीसी आरक्षण देने की मांग की।
सरकार ने छत्तीसगढ़ मॉडल को आधार बनाकर अंतरिम आदेश की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते एमपी के मामलों पर अलग से सुनवाई तय की।
जबलपुरः मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एमपी में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण देने की राहत मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तरह एमपी में भी बढ़ा हुआ आरक्षण देने की छूट अंतरिम आदेश से दे दी जाए, भले फिर कोर्ट आरक्षण को अपने अंतिम फैसले के अधीन रख ले। दरअसल छत्तीगढ़ में आदिवासी आरक्षण बढ़ाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को 58 फीसदी आरक्षण देने का अंतरिम आदेश जारी किया हुआ है और मामला अंतिम फैसले के लिए लंबित है।
आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एमपी और छत्तीसगढ़ के आरक्षण के मामलों में ऐसी क्या समानता है कि दोनों राज्यों के आरक्षण मामले एक साथ सुने जाएं। सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने ये तर्क आया कि दोनों मामले अलग हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ में बढ़ा हुआ आदिवासी आरक्षण देने पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी और एमपी में बढ़ा हुआ ओबीसी आरक्षण देने के कानून पर अब तक कोर्ट की रोक नहीं है।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एमपी के ओबीसी आरक्षण से जुड़े 2 मामलों पर अगले हफ्ते अलग से सुनवाई करना तय किया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगली सुनवाई में वो ये भी तय करेगी कि दोनों राज्यों के मामले एक साथ सुने जा सकते हैं या नहीं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एमपी के ओबीसी आरक्षण पर अगले हफ्ते सुनवाई तय कर दी है।