Insurance Policy News: सरकार के इस फैसले से इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव! विदेशी निवेश को मिली मंजूरी, जानिए अब कैसे कर पाएंगे क्लेम?

भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सरकार ने कंपनियों में 100% FDI मंजूर कर दी है। इसका असर पॉलिसीधारकों के प्रीमियम, पॉलिसी और क्लेम प्रक्रिया पर पड़ सकता है, जिससे सुविधा और निवेश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार संभव हो जाएगा।

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 01:06 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 01:38 PM IST

(Insurance/ Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • इंश्योरेंस कंपनियों में अब 100% FDI की मंजूरी।
  • विदेशी कंपनियां भारत में पूरी तरह से कारोबार कर सकती हैं।
  • ग्राहकों को बेहतर कवरेज और अधिक विकल्प मिलेंगे।

नई दिल्ली: Insurance Policy Newsभारत का इंश्योरेंस सेक्टर ऐतिहासिक बदलाव के दौर में प्रवेश कर रहा है। केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों में 100 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी है। यह कदम सीधे तौर पर पॉलिसीधारकों के प्रीमियम, पॉलिसी और क्लेम प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

नया कानून और लक्ष्य

केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद लोकसभा में ‘इंश्योरेंस लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2025′ पेश किया गया है, जिसका नाम रखा गया है ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, इसका मकसद बीमा सुरक्षा को सभी तक पहुंचाना और सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। पहले विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 74% थी, जिसे अब 100% तक बढ़ाया गया है।

ग्राहक के पास विकल्प ज्यादा

100% FDI से अंतरराष्ट्रीय इंश्योरेंस कंपनियां भारत में स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगी। इसका मतलब है कि नए खिलाड़ियों के आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और मौजूदा कंपनियों पर बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस देने का दबाव आएगा। जानकारों के अनुसार, इसका सीधा लाभ ग्राहकों को ज्यादा विकल्प, आधुनिक सुविधाएं और बेहतर कवरेज के रूप में मिलेगा।

प्रीमियम पर असर और राहत की उम्मीद

बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियां प्रीमियम को किफायती बनाए रखने का प्रयास कर सकती हैं। इसके अलावा, वैश्विक अनुभव और नई तकनीक के इस्तेमाल से जोखिम प्रबंधन बेहतर होगा, जिससे लंबे समय में प्रीमियम संरचना संतुलित और ग्राहक के लिए लाभकारी बन सकती है।

क्लेम प्रोसेस होगा ज्यादा आसान और डिजिटल

विदेशी निवेश की मदद से क्लेम प्रोसेस तेज, पारदर्शी और डिजिटल होने की संभावना है। इससे ग्राहकों को लंबा इंतजार और बार-बार कागजी कार्यवाहियों से छुटकारा मिलेगा। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बीमा पहुंचाना आसान होगा, जिससे ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल 2047’के लक्ष्य को हासिल करना भी संभव होगा।

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FDI 100% होने का मतलब क्या है?

इसका मतलब है कि अब विदेशी निवेशक पूरी तरह से (100%) इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और उनका पूर्ण नियंत्रण हो सकता है।

क्या इससे पॉलिसीधारकों को फायदा होगा?

हाँ, प्रतिस्पर्धा बढ़ने से पॉलिसीधारकों को बेहतर कवरेज, अधिक विकल्प और किफायती प्रीमियम मिलने की संभावना है। प्रीमियम पर क्या असर पड़ेगा?

प्रीमियम पर क्या असर पड़ेगा?

बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बेहतर टेक्नोलॉजी के कारण प्रीमियम को संतुलित और कम करने की संभावना है।

क्लेम प्रोसेस में क्या बदलाव आएगा?

विदेशी निवेश के कारण क्लेम प्रोसेस तेज, पारदर्शी और डिजिटल होगा, जिससे ग्राहकों को लंबा इंतजार और बार-बार कागजी कार्यवाहियों से छुटकारा मिलेगा।