Ek Ped Maa ke Naam: 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा “एक पेड़ मां के नाम” अभियान, सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समितियों का होगा गठन

Ek Ped Maa ke Naam: 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा "एक पेड़ मां के नाम" अभियान, सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समितियों का होगा गठन

Ek Ped Maa ke Naam: 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा “एक पेड़ मां के नाम” अभियान, सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समितियों का होगा गठन

Ek Ped Maa ke Naam | Photo Credit: MPDPR

Modified Date: July 1, 2025 / 09:56 pm IST
Published Date: July 1, 2025 9:56 pm IST

भोपाल : Ek Ped Maa ke Naam मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में “एक बगिया मां के नाम” से नई योजना आरंभ की जा रही है। इसमें प्रदेश स्तर पर स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाओं की 30 हजार एकड़ भूमि पर लगभग 900 करोड़ की लागत से आजीविका संवर्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फल उद्यान विकसित किए जाएंगे। इस योजना में हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड बनाने के लिए भी धनराशि प्रदान की जाएगी। उद्यान विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे।

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1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा “एक पेड़ मां के नाम” अभियान

Ek Ped Maa ke Naam मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ भूमि पर 42 करोड़ रुपए की लागत से पौधों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से 15 सितंबर तक “एक पेड़ मां के नाम” अभियान आयोजित होगा, जिसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, वन, उद्यानिकी सहित सभी विभाग जनसहभागिता से संचालित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाना है। समिति में सांसद, विधायक, पंचायत तथा नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्सा, विधि, इंजीनियरिंग, समाज सेवा, कृषि, उद्यानिकी डेयरी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रख्यातजन शामिल होंगे।

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जल गंगा संवर्धन अभियान में बने 85 हजार से अधिक खेत तालाब

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में संचित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण किया गया। भूजल संवर्धन के लिए 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण किया गया। पानी की अमृत बूंद को सहेजने के लिए अमृत सरोवर 2.0 के तहत 1000 से अधिक नए अमृत सरोवरों का निर्माण प्रारंभ हुआ। शहरी क्षेत्र में समाज की सहभागिता से 3300 से अधिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2200 नालों की सफाई और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाई गई। इसके साथ ही 40 लाख से अधिक नागरिकों ने 5000 से अधिक ऐतिहासिक/धार्मिक जल स्रोतों (बावड़ी, मंदिर तालाबों आदि) की सफाई और जीर्णोद्धार में भाग लिया। अभियान के अंतर्गत 2 लाख 30 हजार जलदूतों का रजिस्ट्रेशन हुआ।

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राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हुईं 15 हजार से अधिक जल संरचनाएं

नर्मदा परिक्रमा पथ और पंचकाषी यात्रा जैसे अन्य तीर्थ मार्गों का डिजिटलीकरण किया गया। अवरिल निर्मल नर्मदा योजना के तहत 5600 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण की योजना स्वीकृत कराकर कार्य आरंभ किया गया। वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 2500 से अधिक तालाब, स्टॉप डैम जैसी जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया गया। प्रदेश की 15 हजार से अधिक जल संरचनाओं और जल संग्रहण संरचनाओं को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का कार्य भी अभियान के अंतर्गत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मानसून में रोपण के लिए 6 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं।

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7 जुलाई से 6 अगस्त तक होगा मूंग और उड़द का उपार्जन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द उपार्जन के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मूंग के लिए 30 जून तक 2 लाख 94 हजार किसानों ने तथा उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन हो चुका है। पंजीयन के लिए 6 जुलाई तक अंतिम तिथि निर्धारित है। प्रदेशभर में मूंग और उड़द का उपार्जन 7 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जाएगा।

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यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन 30 जून को पूर्ण हुआ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन 30 जून को पूर्ण कर लिया गया है, इससे प्रदेश को 40 साल पुराने इस कलंक से मुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि 4 जुलाई को प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रतलाम में हुए रीजनल इंडस्ट्रीज स्किल एंड एंप्लॉयमेंट कॉन्क्लेव (RISE) तथा गुजरात के सूरत में आयोजित निवेशक संवाद कार्यक्रम की उपलब्धियों से मंत्रीगण को अवगत कराया।


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