Dhirendra Shastri Sanatan Hindu Ekta Yatra : ‘हिंदुत्व के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा..’ ओरछा पहुंची पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता यात्रा, कहा- अब पूरे देश में यात्रा निकालेंगे
Dhirendra Shastri Sanatan Hindu Ekta Yatra : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की नौ दिनों की यात्रा का आज अंतिम दिन है।
Dhirendra Shastri Sanatan Hindu Ekta Yatra | Photo Credit : IBC24
ओरछा। Dhirendra Shastri Sanatan Hindu Ekta Yatra : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की नौ दिनों की यात्रा का आज अंतिम दिन है। यात्रा अपने पड़ाव पर पहुंच चुकी है। इस दौरान पूरी यात्रा पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आईबीसी 24 ने खास बात की है। ओरछा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा का नवां दिन, पंडित धीरेंद्र शास्त्री IBC24 से बोले, बहुत अच्छे से यात्रा हुई है।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, भारत में हिंदू जागरण की शुरुआत हुई है, करोड़ों हिंदू सड़कों पर उतर रहा है, हिंदू संस्कृति को जान रहा है, आने वाले 10 साल में घटती हुई हिंदू आबादी पर सोचने को तैयार है, यह यात्रा देश नई क्रांति लिखेंगी, भारत हिंदू राष्ट्र हो जाए, भगवान राजाराम से प्रार्थना कर रहे है, यात्रा में जो लोग चल रहे है मैं उनका ऋण कभी नहीं चुका सकता, कष्ट सहकर खुले में सोए, ठीक से समय पर भोजन नहीं मिला, लाखों लोगों का साथ मिला है, मुश्किल वक्त में सबको साथ लेकर चलना पड़ा, हिंदुत्व के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा, पूरी यात्रा में कोई झंझट देखने को नहीं मिला, आने वाली पीढ़ी के लिए नही रहा दी है।
धीरेंद्र शास्त्री ब्रिटेन की संसद में बांग्लादेश में हिंदुओं के अत्याचार वाले मुद्दे पर बोले, बहुत अच्छा है, विदेश में यह मुद्दा गूंजा है, जो हिंदू है, हिंदुत्व के लिए जीवन जीना चाहता है, वो इस मुद्दे को उठा रहा है – धीरेन्द शास्त्री जो हिंदू है, हिंदू जीवन जीना चाहता है, वह अब पूरे देश में यात्रा निकालेंगे, देश को जगाने के लिए, बचाने के लिए, जो नहीं निकलेगा वह हिंदू ही नहीं रहेगा, हमने विधर्मियों की चाल को समझ लिया है, मैं जब तक जिंदा हूं, तब किसी हिंदुत्व के लिए काम करूंगा, हिंदुत्व के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा।
आगे धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, मैं तो सदा कंबल पहना हुआ हूं, आपको कलरफुल लग रहा है, लेकिन सर्दी है, इसलिए पहने हुए हूं, मेरी यह आध्यात्मिक यात्रा है, हनुमान जी के संरक्षण में यात्रा चली है, भगवान राज राम के द्वारा द्वारा बुलाई गई यात्रा है, इसलिए कोई घटना नहीं हुई है, क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की तपोभूमि है, वह उनकी मूर्ति पर गया हूं, उस माटी से तिलक किया हुआ है।

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