नगर निगम कार्यालय के बाहर कर्मचारी संघ के लोगों ने किया जमकर हंगामा, प्रशासन को दे दी ये चेतावनी, जानिए पूरा मामला..
Employees protest for salary and bonus : कर्मचारी संघ के लोगों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव कर हंगामा कर दिया।
MP Govt Employees Protest
Employees protest for salary and bonus : ग्वालियर। ग्वालियर में इकोग्रीन एनर्जी कर्मचारी संघ के लोगों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव कर हंगामा कर दिया। हंगामा के दौरान कर्मचारियों ने नारेबाजी की और वहीं धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों की मांग है की उन्हें 2 महीने का वेतन, बोनस दिया जाए और आउटसोर्स पर नहीं रखा जाए। इसके साथ ही चेतावनी दी की अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह अनिश्चितकाल धरने पर इसी तरह बैठे रहेंगे।
जानिए क्या है पूरा माजरा
Employees protest for salary and bonus : दरअसल ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर स्थित नगर निगम के कार्यालय पर इकोग्रीन एनर्जी कर्मचारी संघ के बैनर तले नगर निगम के कर्मचारी साथ में शामिल होकर घेराव करने पहुंचे। जहां कर्मचारियों ने हंगामा करते हुए नारेबाजी की। जब उनकी बातों को सुनने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया तो वहां नारेबाजी और हंगामा करने के बाद कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि ग्वालियर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए नगर निगम द्वारा ईकोग्रीन प्रा.लि. कम्पनी को अधिकृत किया था।
कर्मचारी संघ के लोगों ने क्यों किया हंगामा?
कम्पनी द्वारा 485 कर्मचारियों को नियमित पद पर नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए सुपरवाईजर, वाहन चालक एवं हेल्पर के पद पर नियमित नियुक्ति दी थी। लेकिन कोरोना काल में ईकोग्रीन कम्पनी द्वारा अपना कार्य सही ढंग से सम्पादित नहीं किये जाने के कारण नगर निगम द्वारा उक्त कम्पनी की समस्त चल-अचल सम्पत्ति एवं कर्मचारियों (श्रमिकों) को पूर्ण रूप से अपने अधीन कर लिया था। तभी से 485 श्रमिक निगम की देख-रेख में नगर निगम का कार्य सम्पादित करते हुए नगर निगम से वेतन भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा “श्रम कानूनों” का घोर उल्लंघन किया जा रहा है।
485 श्रमिकों की सेवाएं नगर निगम में जारी है। कर्मचारियों की मांग है कि उनका 2 महीने का रुका वेतन नवंबर दिसंबर का दिया जाए साथी बोनस और अन्य मानों को लेकर उनकी मांगों को पूरा किया जाए। वरना वहां अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे रहेंगे जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता

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