कुलदेवता’ मानकर पीढ़ियों से कर रहे थे पूजा, डायनासोर का अंडा निकला वह पत्थर

'Kuldevta'turned out dinosaur egg: उनका मानना है कि ये कुलदेवता हमारी खेती और मवेशियों की रक्षा करते हैं और उनकी तमाम संकटों से रक्षा करते हैं।

कुलदेवता’ मानकर पीढ़ियों से कर रहे थे पूजा, डायनासोर का अंडा निकला वह पत्थर

'Kuldevta'turned out dinosaur egg

Modified Date: December 19, 2023 / 05:02 pm IST
Published Date: December 19, 2023 5:01 pm IST

‘Kuldevta’turned out dinosaur egg: धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में लोग जिसे ‘कुलदेवता’ मानकर पूजा कर रहे थे, वह पत्थर डायनासोर का अंडा निकल गया। कुछ वैज्ञानिकों ने जब इसकी जांच की तो सच्चाई सामने आई और लोग यह जानकर हैरान रह गए। बताया जा रहा है कि खेती के दौरान अंडे मिले थे।

मीडियो रिपोर्ट के अनुसार पांडलया गांव के वेस्ता मांडलोई में ग्रामीण गोलकार पत्थर जैसे वस्तु की ‘काकर भैरव’ के रूप में पूजा कर रहे थे। उनके घर में यह परंपरा पीढ़ियों से ही चली आ रही थी। उनका मानना है कि ये कुलदेवता हमारी खेती और मवेशियों की रक्षा करते हैं और उनकी तमाम संकटों से रक्षा करते हैं।

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मांडलोई की तरह उनके गांव के बहुत से लोग इस तरह की आकृति की पूजा कर रहे थे, जो उन्हें धार और आसपास के इलाकों में खेती के दौरान खुदाई में मिले थे। हालांकि, अब नए तथ्य सामने आने के बाद लोग दुविधा में फंस गए हैं। कुछ लोग उनकी देवता समझकर पूजा कर रहे थे और यह आगे भी जारी रहेगा।

जानें कैसे हुआ खुलासा

बता दें कि लखनऊ के बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक हाल ही में धार पहुंचे थे। डायनासोर के इतिहास और मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र में उनके अवशेष का पता लगाने टीम पहुंची थी तो पता चला कि यहां खेतों में लोगों को गोलाकार वस्तु मिली थी जिसकी लोग पूजा करते हैं। वैज्ञानिकों ने जब इनकी जांच को तो पता चला कि असल में ये डायनासोर के अंडे हैं।

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इतिहास में जाएं तो मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में डायनासोर युग में धरती से लुप्त हो चुके इन प्राणियों की अच्छी संख्या थी। इसी साल जनवरी में भी धार में 256 अंडे मिले थे। इनका आकार 15 से 17 सेमी का था। माना जाता है कि 6.6 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का बसेरा था तब इंसान पैदा ही नहीं हुए थे।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com