पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले एलआईसी अधिकारी के रिश्तेदारों को ‘अब सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद’

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले एलआईसी अधिकारी के रिश्तेदारों को ‘अब सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद’

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले एलआईसी अधिकारी के रिश्तेदारों को ‘अब सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद’
Modified Date: April 25, 2025 / 09:06 pm IST
Published Date: April 25, 2025 9:06 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 25 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के दौरान जान गंवाने वाले पर्यटकों में शामिल सुशील नथानियल (58) के रिश्तेदारों के मन में इस वारदात के खिलाफ गुस्सा है और उन्हें सरकार से उम्मीद भी है कि सरहदी सूबे में सैलानियों के लिए सुरक्षा-व्यवस्था को और सख्त बनाया जाएगा।

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।

मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे।

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नथानियल के छोटे भाई विकास ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘हम आतंकी हमले में सुशील की मौत के लिए किसी को दोषी नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन हमें इस बात का दु:ख तो है ही कि जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा में चूक कैसे हो गई।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि पहलगाम आतंकी हमले से सबक लेते हुए जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त बनाया जाएगा।

विकास की पत्नी जेमा ने भी कहा कि सैलानियों को आतंकी घटनाओं से बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की और पुख्ता तैनाती की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा,‘‘अगर सरकार को लगता है कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिलहाल सुरक्षित नहीं है, तो उसे वहां सैलानियों के जाने पर रोक लगा देनी चाहिए।’’

नथानियल, इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे। इससे पहले, वह इंदौर में एलआईसी के मंडल कार्यालय में भी काम कर चुके थे।

नथानियल के सहकर्मी उन्हें एक खुशमिजाज शख्स के तौर पर याद करते हैं। एलआईसी के इंदौर मंडल में उनके साथ काम कर चुकीं ज्योति जॉन ने बताया,‘‘नथानियल हमेशा सबसे हंसते-मुस्कुराते मिलते थे। उनके पूरे परिवार से मेरी घनिष्ठता रही है।’’

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर आक्रोश जताते हुए कहा,‘‘सरकार को आतंकवाद के खिलाफ और कठोर कदम उठाने होंगे ताकि छुट्टियों के दौरान घूमने-फिरने गए किसी व्यक्ति के परिवार को वह दुख न झेलना पड़े जो आज नथानियल का परिवार झेल रहा है।’’

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र


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