Rewa’s Sundarja mango and Morena’s Gajak got GI tag : भोपाल। मध्यप्रदेश ने एक बार फिर देश में अपना नाम रोशन किया है। प्रदेश के हाथ एक नई सफलता लगी है। प्रदेश के कई जिले अपने किसी न किसी उत्पादन के लिए मशहूर है। जिनकी ख्याती पूरे देश में जानी जाती है। ऐसे में एक बार फिर दो जिले रीवा और मुरैना सुर्खियों में आ गए है। एमपी के रीवा का प्रसिद्ध सुंदराज आम और मुरैना की खास गजक वैसे तो विश्वभर में मशहूर है। लेकिन अब इसकी पहचान एक बार फिर खास हो गई है। क्योंकि सुंदरजा आम और गजक को जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर दिया गया है। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा दी गई है। मध्यप्रदेश के लिए ये खुशी की बात है।
Rewa’s Sundarja mango and Morena’s Gajak got GI tag : गौरतलब है कि सुंदरजा आम मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गोविंदगढ़ कस्बे में बहुतायत में होता है। फलों के राजा आम की यह एक विशेष प्रजाति है। सुंदरजा सिर्फ भारत के लोगों की ही पसंद नहीं है बल्कि विदेशी भी इसके दीवाने हैं। रीवा जिले के गोविंदगढ़ के बगीचों से निकलकर ये आम विदेशी जमीं पर अपनी महक बिखेर रहा है। इस आम की विशेष किस्म की सुगंध और मिठास का कोई तोड़ नहीं है। सुंदरजा की खासियत यह है कि यह बिना रेशे वाला होता है और इसमें पाई जाने वाली शर्करा का प्रकार कुछ ऐसा है कि इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं।
किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसे जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है।
बता दूं कि हाल ही में दिल्ली में प्रगति मैदान में फूड फेस्टिवल आयोजित हुआ था जिसमें मुरैना की गजक को इटली, दुबई, ब्रिटेन के डेलीगेट्स ने काफी पसंद किया था। अब विदेशी स्तर पर गजक की ब्रांडिंग की जाने वाली है। क्षेत्रीय विशेष उत्पाद की ख्याति को प्रमाणित करने और पहचान दिलाने के लिए जीआई टैग दिया जाता है। इस खुशी के मौके पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुभकामनाएं दी।
जिस संविधान ने आरक्षण दिया वह खतरे में है :…
5 hours ago