सत्य के लिए संघर्ष से ही पत्रकारिता का समृद्ध स्वरूप जीवंत रहेगा: मप्र के मुख्यमंत्री यादव

सत्य के लिए संघर्ष से ही पत्रकारिता का समृद्ध स्वरूप जीवंत रहेगा: मप्र के मुख्यमंत्री यादव

  •  
  • Publish Date - August 20, 2025 / 10:26 PM IST,
    Updated On - August 20, 2025 / 10:26 PM IST

भोपाल, 20 अगस्त (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पत्रकारिता के छात्रों से समाज के नैतिक मूल्यों और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के‍ लिए सदैव सजग, सक्रिय और तत्पर रहने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि सत्य के लिए संघर्ष से ही पत्रकारिता का समृद्ध स्वरूप जीवंत रहेगा।

मुख्यमंत्री यादव यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के 2025-26 के सत्रारंभ तथा नए विद्यार्थियों के प्रबोधन कार्यक्रम ‘अभ्युदय 2025’ को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकारिता सम्प्रेषण का ही स्वरूप है और प्रत्येक युग में सम्प्रेषण कला का विशेष महत्व रहा है। रामायण काल में हुनमान जी के संवाद हों या महाभारत काल के यक्ष प्रश्न, दोनों में हुए सम्प्रेषण ने इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

उन्होंने कहा कि सम्प्रेषण और पत्रकारिता में किसी भी घटना के असर को व्यापक या सूक्ष्म स्वरूप देने की क्षमता विद्यमान है।

यादव ने कहा, ‘‘वर्तमान और आने वाले समय में पत्रकारिता विधा में दक्ष हो रहे विद्यार्थियों पर यह महत्वपूर्ण दायित्व है कि वे सूचना सम्प्रेषण के माध्यम से समाज के नैतिक मूल्यों और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के‍ लिए सदैव सजग, सक्रिय और तत्पर रहें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सत्य के लिए संघर्षशीलता से ही पत्रकारिता का समृद्ध स्वरूप जीवंत रहेगा।’’

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘अभ्युदय’ का अर्थ मात्र आरंभ नहीं, बल्कि निरंतर जागरूकता, सत्य की खोज और समाज को नयी दिशा देने वाले उत्तरदायित्व की यात्रा है।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की पूरे देश में विशिष्ट पहचान है और यह गौरव का विषय है कि माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म मध्यप्रदेश के बबाई नगर में हुआ और उन्होंने खंडवा को अपनी कर्मभूमि बनाया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के माध्यम से पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन के विविध गौरवशाली पक्षों को आगे लाने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

इस अवसर पर प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जब-जब देश को आवश्यकता हुई, युवा पीढ़ी ने देश की बेहतरी के लिए संघर्ष किया।

उन्होंने चाणक्य की सम्प्रेषण कला का उल्लेख करते हुए कहा कि सामान्य नागरिक, सामान्य हितचिंतक और परस्पर संस्कृतियों का सम्मान करते हुए किया गया सम्प्रेषण सर्वाधिक प्रभावी और ग्राह्य होता है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने लक्ष्य के संबंध में स्पष्टता रखें, अपनी विधा में दक्ष हों और तटस्थता तथा ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

उन्होंने सोशल मीडिया के दौर में विश्वसनीयता के संकट का जिक्र करते हुए कहा कि युवा पत्रकारों को अपनी भाषा, पत्रकारिता की समझ और समाचार लेखन में दक्षता प्राप्त करने के लिए कम से कम तीन साल प्रिंट मीडिया में अवश्य कार्य करना चाहिए।

इससे पहले, मुख्यमंत्री यादव ने परिसर में स्थापित माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अनावरण किया और विश्वविद्यालय के सत्रारंभ अवसर पर पौधरोपण भी किया।

भाषा ब्रजेन्द्र सिम्मी

सिम्मी