भोपाल। Ruckus in Madhya Pradesh assembly session मध्य प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामे और शोर-शराबे के बाद विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पर गिर गया। इस अविश्वास प्रस्ताव का सियासी संदेश क्या रहा। क्या कांग्रेस अपने मकसद में कामयाब हुई। क्या कांग्रेस सदन में सरकार को घेर पाई और क्या सीएम शिवराज के जवाब से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है।
Ruckus in Madhya Pradesh assembly session
मध्यप्रदेश की विधानसभा में शीत सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था और पूरे प्रदेश में त्राहि मच गई थी। कांग्रेस अच्छा काम करती तो उसके मंत्री बीजपी में नहीं आते।
सीएम शिवराज के जवाब के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई और प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। हालांकि कांग्रेस विधायक अब भी इसे अपनी जीत बता रहे हैं।
सदन में पूरी चर्चा के दौरान कमलनाथ गैरमौजूद रहे और चौथे दिन गोविंद सिंह भी शामिल नहीं हुए। इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने तंज कसा है। बहरहाल, तीखी नोकझोंक और हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है लेकिन सदन की तपिश सियासी गलियारों में लंबे समय तक महसूस होगी और आने वाले समय में एमपी की राजनीति इसके इर्द-गिर्द ही रहने वाली है।