श्योपुर। जिले में राशन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द है, कि प्रशासन की नाक के नीचे ही कालाबाजारी कर रहे है और जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ मौन बना हुआ है। प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। ऐसा ही मामला आज सामने आया है, जब पुलिस ने बिना कागजो के पीडीएस के चावलों को लेकर बड़ोदा में अवैध परिवहन कर रहा ट्रेक्टर ट्रॉली जप्त किया।
बड़ौदा एसडीओपी प्रवीण अस्ठाना को इसकी जानकारी मिली तभी एसडीओपी ने थाने की टीम भेजकर ट्रेक्टर को ड्राइवर और पीडीएस के माल सहित पकड़ लिया और थाने में ले आए, लेकिन कार्रवाई के लिए जब खाद्य विभाग के अधिकारियों को सूचना दी तो घण्टों तक खाद्य विभाक का कोई भी अमला मौके पर नही पहुंचा। जब 6 से 7 घण्टे बीत जाने के बाद अधिकारी पहुंचे तो बिना जांच किये ही खाद्य विभाग की अधिकारी लवली गोयल ने पीडीएस के चांवलो का होना गलत बताया।
जब मीडिया द्वारा सवाल पूछा गया तो घबराकर पहले तो जानकारी देने से मना कर दिया और जब बात अधिकारियों तक पहुंची तो उसी पीडीएस मामले में बड़ौदा थाने में एफआईआर कराई ओर मीडिया को पूरी जानकारी भी दी। कही न कही यह अधिकारी पहले आरोपी के पक्ष में कार्रवाई करने की नीयत से पहुंची थी, लेकिन मीडिया के हस्तक्षेप के बाद मजबूर लवली गोयल पीडीएस के चावल को परिवहन करने पर कार्रवाई करनी पड़ी। अब ऐसे में यही लगता है कि राशन माफियाओ को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
इस मामले में एक और खास बात देखने को मिली है, की कलेक्टर शिवम वर्मा भी मौके पर नहीं पहुंचे और ना ही किसी का फोन उठाया। ऐसे में कहीं ना कहीं संदेह वाली बात आती है, कि जिस कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अमले को शक्ति से आदेश दे रखे हैं। इसके अलावा राशन माफिया के खिलाफ कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के खिलाफ बड़ा एक्शन और बड़ी कार्रवाई करने की बात अधिकारियों से की है। बावजूद इसके प्रशासनिक अमला इतने बड़े मामले को सिर्फ खानापूर्ति कर कार्रवाई करता है। यह साफ-साफ मुख्यमंत्री के आदेश की अनसुनी या अवेहलना माना जा सकता है।
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