सिंगरौली। जिले में मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग बोर्ड के द्वारा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 29 देवरा में बनाए गए शासकीय चिकित्सकों के आवास तक पहुंचने के लिए कोई मार्ग नहीं है। लिहाजा हाल ही में यह चिकित्सकों को यदि निर्माणाधीन मकान में शिफ्ट किया जाता है, तो आधे किलोमीटर से ज्यादा की दूरी खेत व मेड पार करके जाना पड़ेगा, जिसको लेकर शासकीय चिकित्सकों सहित लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
दरअसल, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के द्वारा डॉक्टरों के लिए आवासीय कॉलोनी का निर्माण किया गया है। हालांकि अभी भी भवनों में कुछ छोटे फिनिशिंग का कार्य बचे हुए हैं, जिन्हें धीरे-धीरे कर पूरा किया जा रहा। इसके साथ ही निर्माण एजेंसी के द्वारा नवनिर्मित कॉलोनी को स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, लेकिन कॉलोनी में पहुंचने के लिए अब तक ना तो कोई पहुंच मार्ग है और ना ही बिजली की व्यवस्था।
ताज्जुब की बात यह है कि चिकित्सकों के कॉलोनी निर्माण किए जाने के लिए जब पहले कोई पहुंच मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई थी। सवाल यह उठता है कि आखिर खेतों के बीच में सरकारी आवास बनाने का क्या औचित्य था। भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराए जाने के वक्त राजस्व और नगर निगम अमले के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच भी कराई जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह ना हो सके।
अभी तक चिकित्सकों के लिए एफ टाइप के चार क्वार्टर, डी टाइप के चार क्वार्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल लैब टेक्नीशियन एवं तृतीय श्रेणी स्टाफ के लिए आवास का निर्माण कार्य कराया गया। इसी प्रकार एच टाइप के क्वार्टर हैं, जो फोर्थ क्लास के स्टाफ के लिए उपलब्ध है। मामला संज्ञान में आने पर सिंगरौली कलेक्टर अरुण कुमार परमार भी मामले को लेकर खुद आश्चर्य में हैं। हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया है कि यदि शासकीय भवन का निर्माण कार्य किया गया है तो पहुंच मार्ग का भी निर्माण कार्य कराए जाने के लिए क्या कुछ व्यवस्था की जा सकती ह। इसकी पड़ताल कर पहुंच मार्ग बनाया जाएगा इसके बाद ही चिकित्सकों को आवास एलॉट किए जाएंगे।
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