Ministers’ displeasure in Madhya Pradesh : भोपाल – बीजेपी भले ही यह दावे करे की पार्टी में सब बेहतर चल रहा है और वह सबसे अनुशाासित व कैडरबैस पार्टी है, लेकिन हकीकत इसके उलट ही है। इसके उदाहरण लगातार सामने आ रहे हैं। हद तो यह है की आम कार्यकर्ताओं से लेकर छोटे पदाधिकारियों के बीच व्याप्त अंसतोष की बात तो छोड़ दी जाए तो अब तो सरकार के मंत्री से लेकर विधायक तक खुलकर अपना अंसतोष जाहिर करने में पीछे नहीं रह रहे हैं। इसकी वजह से सरकार से लेकर संगठन तक की जमकर किरकिरी हो रही है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Ministers’ displeasure in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में बीजेपी नेताओ की बयान बाजी और हरकते बीजेपी सरकार और संगठन के लिए सरदर्द साबित हो रही है। जिस तरह से दो दिन में तीन मामले सामने आए है, उससे माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और उसके बाद पीएचई मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने अफसरों के खिलाफ पत्र लिखकर नाराजगी जताई है तो वहीं भोपाल में विधायक कृष्णा गौर ने भी एमआईसी के विभागों को लेकर खुलकर लामबंदी करते हुए विरोध किया है। इसके पहले पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय तक अफसरशाही पर सवाल उठा चुके हैं।
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Ministers’ displeasure in Madhya Pradesh : दरअसल, बीते कुछ सालों में पार्टी कार्यकर्ताओं की पूछ परख संगठन से लेकर सत्ता तक में कम हुई है। इसी तरह से सरकार में अफसरशाही की पूछ परख बढ़ी है। सत्ता व संगठन में पावरफुल होने के अपनी तरह के पैमाने हैं। कार्यकर्ताओं की मंशा की अनदेखी कर लिए जाने वाले निर्णयों से जहां पार्टी का जनाधार कम हो रहा है तो सत्ता में भी असंतोष के स्वर तेज होते जा रहे हैं। हालांकि इन बयानबाजी को बीजेपी संगठन सख्त नजर आ रही है।
Ministers’ displeasure in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में कई विभागों में हाल यह है की मंत्री और उनके विभागों के आला अफसरों में अनबोलना तक की स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से कामकाज भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। हद यह है कि लगातार अनदेखी की वजह से परेशान मंत्री अब तो खुलकर सामने आने लगे हैं। महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सार्वजनिक रुप से शिकायती पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर डाली। इस पत्र में उनके निशाने पर जिला तो ठीक प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया तक की कार्यप्रणाली तक पर सवाल खड़े किए गए। इसके बाद हड़कंप मच गया, मंत्री नेताओ के खुलकर मोर्चा खोलने के बाद कांग्रेस को भी बीजेपी पर हमलावार होने का मौका मिल गया है। बीजेपी में इस तरह के विवाद ऐसे समय सामने आ रहे हैं, जब प्रदेश में अगले साल विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। ऐसे नेताओ की खुलकर अदावत बीजेपी सरकार और संगठन की मुश्किलें खड़ी कर सकता है।