IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: ‘हम चाहते तो प्रेम, शांति और आनंद, लेकिन कहते हैं बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’ जानिए संत ऋतेश्वर महाराज ने क्यों कही ये बात

'हम चाहते तो प्रेम, शांति और आनंद, लेकिन कहते हैं बाप बड़ा न भैया, Spiritual guru Riteshwar Maharaj on the stage of IBC24

IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: ‘हम चाहते तो प्रेम, शांति और आनंद, लेकिन कहते हैं बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’ जानिए संत ऋतेश्वर महाराज ने क्यों कही ये बात

IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025/ Image Credit: IBC24

Modified Date: February 10, 2025 / 12:47 pm IST
Published Date: February 10, 2025 10:35 am IST

उज्जैन। IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 हमेशा से अपने जनहित के मुद्दों के लिए पहचाना जाता है। पिछले 16 साल से लगातार जनता की आवाज को बुलंद करते हुए IBC24 ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारी प्राथमिकताओं में केवल खबरें ही नहीं.. धार्मिक और सामाजिक मुद्दे भी है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में IBC24 आज अपना खास कार्यक्रम महाकुंभ संवाद आयोजित कर रहा है, जिसमें कई महंत और अफसर शामिल हो रहे हैं।

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IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 कार्यक्रम के तीसरे सेशन ‘धर्म.. धाम.. ध्वजवाहक’ में अध्यात्मिक गुरु ऋतेश्वर महाराज, स्वास्तिक पीठाधीश्वर अवधेश पुरी महराज और पं. आनंद शुक्ला, विद्याधाम आचार्य निरंजनी अखाड़ा पं. आनंद शुक्ला शामिल हुए। अध्यात्मिक गुरु ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि आज दुनिया में अशांति का सबसे बड़ा कारण है यह है कि मानव के अंदर चेतना अब निम्न हो गई है। केवल भौतिक वस्तुओं की ओर हमारी दृष्टि होती है। अगर व्यक्ति स्वयं संतोषी और ज्ञानी होता है तो शांत रहता है। चूंकि कुछ वर्षों ने गुलामी ने हमें यह सिखाया है कि हम केवल रोजगार के लिए शिक्षा लेते हैं। कहते हैं बाप बड़े न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’.. ता ता थैय्या। कुंभ मेले जैसे आयोजन में हम उन ऋषियों, साधु-संतों को देखते हैं, जिन्होंने सब कुछ त्याग दिया है। मेले में अकेले और अकेले में मेले को देखते हैं। वैसे महाकुंभ मानवता, प्रेम, शांति का बीजारोपण का स्थान है, जहां केवल भारत के लोग ही नहीं, सनातन ही नहीं अन्य जगहों के लोग भी आ रहे हैं। महाकुंभ वसुधैव कुंटम्बकम का परिचायक है।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।