IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: अभावों के बीच हुनर का सृजन.. प्राची ने पूरे रतलाम को किया गौरवान्वित, IBC24 ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से किया सम्मानित
Swarna Sharda Scholarship 2024: अभाव के बीच हुनर का सृजन.. प्राचीन ने पूरे रतलाम को किया गौरवान्वित, IBC24 ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से किया सम्मानित
Swarna Sharda Scholarship 2024 | mp 12th board topper prachi chopra Ratlam
Swarna Sharda Scholarship 2024: भोपाल। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल IBC24 खबरों के साथ-साथ लगातार अपने सामाजिक सरोकारों को भी निभाता आया है। बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से IBC24 न्यूज चैनल हर साल होनहार बेटे-बेटियों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप देता है। इस बार भी मध्यप्रदेश की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर बेटी को 1 लाख रुपए, उनके स्कूल को 1 लाख रुपए और जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया। इस बार संभाग में टॉप करने वाले बेटों भी को यह राशि प्रदान की गई। गुरुवार को आयोजित सम्मान समारोह में सीएम डॉ मोहन यादव सभी विद्यार्थियों को चेक प्रदान किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और मंत्री कृष्णा गौर उपस्थित रही।
Swarna Sharda Scholarship 2024 | mp 12th board topper prachi chopra Ratlam
बनना चाहती हैं इंजीनियर
Swarna Sharda Scholarship 2024: रतलाम प्राची चोपड़ा ने जिले मे विज्ञान गणित संकाय मे टॉप किया। उसने 500 मे से 472 अंक प्राप्त किए। प्राची अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता बहन और गुरुजनो को देती हैं। वह इंजीनियर बनना चाहती हैं। प्राची के पिता सुभाष जैन ने भी बी एस सी कर रखा हैं लेकिन वह खेती करते हैं। प्राची की माता गृहणी हैं। प्राची पांच बहनो मे चौथे नंबर की हैं। सबसे बड़ी बहन निजी स्कूल मे टीचर हैं। दूसरे नंबर की बहन एम ए (हिंदी साहित्य) कर हैं। तीसरे नंबर की बहन एम बी बी एस कर रही हैं। और पांचवे नंबर की बहन 10 वी मे पढ़ाई कर रही हैं।
टीचर की कमी भी नहीं बनी बाधा
Swarna Sharda Scholarship 2024: स्कूल मे रसायन और भौतिक विषय के टीचर नहीं थे लेकिन प्राची को इंजिनियर बनना था पिता कृषि करते थे। इतने सक्षम नहीं थे की उसे गांव के बाहर शहर मे पढ़ाई के लिए नहीं भेज सकते थे। उन्होंने प्राची को गांव रिंगनोद के ही शासकीय उच्चतर माध्यमिक विधायल मे भर्ती कराया। प्राची ने लक्ष्य के लिए अपनी मेहनत शुरू की। स्कूल मे पढ़ाई के साथ साथ घर पर भी आठ से दस घंटे रोज पढ़ाई की। स्कूल मे रासायन और भौतिक विषय के टीचर नहीं होने की कमी प्राची की बड़ी बहन साक्षी ने पूरी की। एम एस सी (गणित) साक्षी ने अपनी छोटी बहन प्राची को घर पर पढ़ाया। और परिणाम आपके सामने आया।

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