स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के घर ढोलक लेकर पहुंच जाती है शिक्षिका, करती है ऐसा काम, सरकार ने भी की तारीफ

स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के घर ढोलक लेकर पहुंच जाती है शिक्षिकाः teacher calls children who do not come to school by playing the dholak

स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के घर ढोलक लेकर पहुंच जाती है शिक्षिका, करती है ऐसा काम, सरकार ने भी की तारीफ

teacher calls children who do not come to school

Modified Date: February 22, 2023 / 07:42 pm IST
Published Date: February 22, 2023 7:42 pm IST

विदिशाः teacher calls children who do not come to school  मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में शासकीय स्कूल की शिक्षिका ने बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए एक ऐसी तरकीब निकाली है, जिसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। सिरोंज तहसील के ग्राम बेरखेड़ी के शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षिका फरहदुन्नीसा खान बच्चों के गैर हाजिर रहने पर खुद बच्चों के घर पहुंच जाती है और खुद ढोलक बजाकर गैरहाजिर बच्चों को स्कूल आने का आमंत्रण देती हैं।

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teacher calls children who do not come to school  शिक्षिका फरहदुन्नीसा खान के इस प्रयास का असर भी देखने को मिल रहा है। उनके स्कूल के बच्चों की उपस्थिति 95% तक हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार को भी इन शिक्षिका का यह नवाचार इतना भाया कि उनको राज्य स्तर के विजू भाई सम्मान से सम्मानित किया। उन्हें राज्यपाल ने विजू भाई सम्मानित किया।

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टीचर फरहदुन्नीसा खान ने का कहना है कि सब बच्चे स्कूल आए इसके लिये वे हमेशा कुछ न कुछ करती रहती है। उन्होंने एक डायरी भी बनाई है, जिसमें सभी बच्चों के हस्ताक्षर करवाए और उनके माता पिता का नाम भी बोर्ड पर लिख गिए।
उन्होने बताया कि जब अनुपस्थित बच्चों को इसका पता चला तो वे भी स्कूल आने लगे और अपने माता-पिता का नाम बोर्ड पर लिखे। फिर यह ढोलक वाला तरीका तो है ही। टीचर कहती है कि भगवान ने गुरु बनाया है तो मैं अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करने का प्रयास कर रही हूं।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।