Tharoor to just a pawn in election board of Congress President?

कांग्रेस कथा..शशि थरूर की व्यथा! क्या कांग्रेस अध्यक्ष की चुनावी बिसात में महज प्यादा साबित होंगे थरूर?

क्या कांग्रेस अध्यक्ष की चुनावी बिसात में महज प्यादा साबित होंगे थरूर? Tharoor to just a pawn in election board of Congress President?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : October 15, 2022/12:09 am IST

सुधीर दंडोतिया/भोपाल। election board of Congress President कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में सीधा मुकाबला है। कहने को तो दोनों नेता इसे फ्रेंडली मैच बता रहे हैं। मगर दोनों उम्मीदवार अलग-अलग राज्यों के दौरे कर डेलीगेट्स से मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में शशि थरूर के लिए भोपाल पहुंचे शशि थरूर ने अपने लिए वोट मांगते हुए बेबाकी से अपनी बात रखी या यूं कहें कि अपनी पीड़ा बताई। साथ ही थरूर ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए। जिससे बीजेपी को एक बार फिर कांग्रेस और गांधी परिवार को घेरने का मौका मिल गया।

Read More: CM shivraj profile picture changed: सीएम शिवराज समेत प्रदेश के मंत्रियों ने बदली डीपी…क्या है वजह..? 

election board of Congress President गांधी परिवार के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करने वाले जी-23 के सदस्य और अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने एक बार फिर भोपाल में बेबाकी से अपनी राय रखी। शशि थरूर ने कहा- वो परिवर्तन के उम्मीदवार है जबकि खड़गे नेतृत्व के नेता। चुनाव में अपने साथ दोहरे व्यवहार को लेकर पहले भी नाराजगी जता चुके थरूर ने MP PCC के लिए कहा- उनका स्वागत जैसा मध्यप्रदेश में हुआ, वैसा कहीं नहीं हुआ।

Read More: दर्दनाक हादसा: कंटेनर से टकराई तेज रफ्तार कार, चार लोगों की मौत

इसके अलावा शशि थरूर ने नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 प्रतिशत वोट मिले। इस हालत में कांग्रेसी कब तक रहेंगे। इसका एक ही इलाज है कि कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है। गांधी परिवार पर शशि थरूर के सवाल उठाने और मलिक्कार्जुन खड़गे के बयान के बहाने बीजेपी कांग्रेस और गांधी परिवार पर फिर हमलावर हो गई है।

बहरहाल कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर फैसले की घड़ी करीब आ गई है। 17 अक्टूबर को मतदान और 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद नतीजे सामने आएंगे, लेकिन चुनाव से पहले थरूर की व्यथा कई सवाल खड़े करती है। मसलन कांग्रेस भले दावा करे कि अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष होगा। लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उससे तो ये संदेश ही जा रहा है कि 10 जनपथ का समर्थन सिर्फ खड़गे को ही हासिल है और चुनावी बिसात पर महज प्यादा साबित होंगे थरूर?

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक