खरगोन दंगे का बहाना… कांग्रेस का निशाना! आखिर कौन है हिंसक और मजहबी नफरत की घटनाओं का सूत्रधार?

खरगोन दंगे का बहाना... कांग्रेस का निशाना! The architect of incidents of violent and religious hatred,

खरगोन दंगे का बहाना… कांग्रेस का निशाना! आखिर कौन है हिंसक और मजहबी नफरत की घटनाओं का सूत्रधार?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: August 2, 2022 11:21 pm IST

(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) खरगोनः मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी जुलूस पर पत्थबाजी के बाद हुए दंगें तो आपको याद होंगे। हिंसा की आग पर सियासी रोटियां भी खूब सेंकी गई थी। पुलिस ने हाल ही में उसी दंगों के मास्टरमाइंड शमीउल्ला को गिरफ्तार किया है। खास बात ये है कि शमीउल्ला का कांग्रेस कनेक्शन सामने आया है। मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उसके चरित्र पर ही सवाल उठा दिया तो कांग्रेस अभी भी अपनी बात पर अड़ी है कि साजिश के पीछे बीजेपी का ही हाथ है। सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर सच्चाई चाहे जो भी हो, लेकिन खरगोन दंगे के बहाने बीजेपी के पास कांग्रेस पर निशाना साधने का बहाना मिल गया है।

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खरगोन के दंगों को हुए तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन उससे मध्यप्रदेश में लगी सियासी आग ठंडी नहीं हुई है। एक बार फिर ये आग भड़की है, वजह है खरगोन दंगों का मास्टर माइंड समीउल्ला का गिरफ्तार होना। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि खरगोन दंगे का मास्टर माइंड समीउल्ला कांग्रेस पार्षद का बेटा है. इतना ही नहीं गृहमंत्री ने कांग्रेस के चरित्र पर भी तंज कसा है।

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दरअसल रामनवमी के जुलूस पर जब दंगाइयों ने पथऱाव किया था। उसके बाद न सिर्फ खरगोन शहर में बल्कि पूरे प्रदेश में तनाव के हालात बन गए थे। इसी दंगे के बाद कई और हिस्सों में छिटपुट घटनाएं हुईं। कांग्रेस ने प्रदेश में हुए दंगों का जिम्मेदार दमदारी से बीजेपी को ठहराया था। लेकिन नए खुलासे के बाद बीजेपी अब माइलेज लेने की तैयारी में है। खरगोन के वार्ड 16 की पार्षद ताहिरा बी के दोनों बेटे समीउल्ला और वलीउल्ला इस वक्त दंगे भड़काने के आरोप में जेल की हवा खा रहे हैं। बीजेपी की तरफ से भी दावा किया जा रहा है कि समीउल्ला और वलीउल्ला का पूरा खानदान कांग्रेसी रहा है और न सिर्फ दंगे के लिए दोनों जिम्मेदार हैं बल्कि इसके पहले भी शहर का माहौल खराब करने के मामले दोनों पर दर्ज हैं। हालांकि कांग्रेस अभी भी दंगों को बीजेपी की साजिश बता रही है।

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सियासी आरोपों से परे दिलचस्प बात ये भी है कि दंगों के ठीक बाद हुए नगरीय निकाय चुनावों में माइनॉरिटी वोट बैंक वाले हिस्सों में कांग्रेस को तगड़ी शिकस्त मिली है। बहरहाल खरगोन में हुए दंगों पर खुलासे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वो कौन लोग हैं जो प्रदेश की शांति भंग करना चाहते हैं। जितनी भी हिंसक और मजहबी नफरत की घटनाएं हो रहीं हैं उसका सूत्रधार कौन है?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।