वोटिंग खत्म.. अटकलें जारी, इस बार कौन भारी? EVM में कैद हुई प्रत्याशियों की किस्मत, भाजपा-कांग्रेस ने जीत को लेकर किए दावे

वोटिंग खत्म.. अटकलें जारी, इस बार कौन भारी? : The fate of the candidates imprisoned in the EVM

वोटिंग खत्म.. अटकलें जारी, इस बार कौन भारी? EVM में कैद हुई प्रत्याशियों की किस्मत, भाजपा-कांग्रेस ने जीत को लेकर किए दावे
Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 pm IST
Published Date: July 13, 2022 11:14 pm IST

भोपालः विधानसभा 2023 से पहले बीजेपी और कांग्रेस जनता के कितने करीब हैं। जनता ने आज ये बता दिया है, जनता का ये फैसला 17 और 20 जुलाई आपके सामने भी आ जाएगा। पता ये भी लग जाएगा कि जनता ने किसको सर आंखों पर बैठाया है और किसको फाईनल के लिए और दम लगाने को कहा लेकिन एक बात तो तय है कि दोनों दलों ने इस चुनाव में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है। ऐसा लगा कि प्रदेश में निकाय या पंचायत न होकर विधानसभा का चुनाव हो रहा हो। सीएम और पूर्व सीएम समेत उनके सभी सिपहसलार ने अपनी पूरी ताकत झोकी। लेकिन आज ये जानने की बारी है कि वोटिंग खत्म होने के बाद इस बार कौन पड़ेगा भारी।

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मध्यप्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के साथ ही शहर की सरकार पेटियों में बंद हो गई. पहले चरण में कम मतदान से सबक लेते हुए कांग्रेस और बीजेपी ने भी मतदाताओं को घर से निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत की। दूसरे चरण में 5 नगर निगम सहित 214 निकायों में वोटिंग हुई। बीजेपी के साथ कांग्रेस के कई दिग्गजों की भी साख दांव पर लगी है। इसमें भी सबसे अधिक चुनौती बीजेपी के सामने हैं।

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कटनी सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और सिंधिया तक को प्रचार करने जाना पड़ा. कटनी में वीडी शर्मा के अलावा पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक संजय पाठक की साख दांव पर है..जबकि रीवा में पूर्व मंत्री और क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र शुक्ला सहित सांसद जनार्दन मिश्रा ने प्रचार का जिम्मा संभाला । रतलाम और मुरैना के साथ ही देवास के चुनाव भी बीजेपी सांसद-विधायकों के लिए नाक की लड़ाई बन चुका है।पहले चरण में कम मतदान होने के बाद बीजेपी सहित राजनीतिक पंडितों के भी गुणा भाग पूरी तरह से गड़बड़ा चुके थे हालांकि दूसरे चरण से बीजेपी और कांग्रेस ने थोड़ी राहत की सांस ली है।

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चुनाव भले छोटा है, लेकिन दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है। दरअसल बीजेपी-कांग्रेस जानती है कि निकाय चुनावों के परिणाम तय करेंगे कि 2023 का विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड क्या है। साथ ही प्रदेश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी। पहले चरण की जंग के परिणाम 17 जुलाई को आएंगे। फिलहाल दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।