To whom are the strings of the culprits of Guna connected?

तस्वीरों का तिलिस्म.. आरोपों की सियासत! आखिर किससे जुड़े हुए है गुना के गुनाहगारों के तार?

मध्य प्रदेश में गुना के गुनाहगारों के साथ तस्वीरों का तिलिस्म खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है और न ही आरोपों की सियासत खत्म हो रही है। आज तो एमपी में गजब हो गया। एनकाउंटर किसी का हुआ और फोटो किसी के साथ वायरल कर दी गई।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : May 17, 2022/11:42 pm IST

भोपालः मध्य प्रदेश में गुना के गुनाहगारों के साथ तस्वीरों का तिलिस्म खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है और न ही आरोपों की सियासत खत्म हो रही है। आज तो एमपी में गजब हो गया। एनकाउंटर किसी का हुआ और फोटो किसी के साथ वायरल कर दी गई। जाहिर है इस सियासत तो होनी ही थी। दरअसल, बीजेपी जिस शख्स का फोटो कांग्रेस नेताओं के साथ दिखाकर उसका एनकाउंटर करने की बात कर रही थी। उसने खुद अपने जिंदा होने की बात कही। इस बात को लेकर कांग्रेस फ्रंटफुट पर आकर बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर रही है।

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एक ओर गुना में तीन पुलिसकर्मी की हत्या करने वाले शिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। वहीं दूसरी ओर आरोपियों को लेकर राजनीतिक तकरार और पोस्टर वार शुरू हो गया है। दरअसल, पिछले 2 एनकाउंटर के बाद कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह ने फोटो दिखाकर आरोप लगाया था कि आरोपियों का कनेक्शन बीजेपी से है लेकिन मंगलवार को एक और आरोपी छोटू के एनकाउंटर के बाद बीजेपी भी हमलावर दिखी। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने पहले जयवर्धन सिंह और द्गिविजय सिंह के साथ आरोपियों की फोटो ट्वीट कर कांग्रेस को घेरा। फिर बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिकारियों का पालनहार तक कह दिया। हालांकि बीजेपी नेता जिस छोटू पठान का एनकाउंटर होने और उसके दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के साथ के फोटो वायरल कर रहे हैं, ट्वीट कर रहे हैं, वो जिंदा है। उसने खुद इस बात की सफाई दी।

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अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी नेताओ ने जल्दबाजी कर दी? छोटू पठान की अपील के बाद कांग्रेस को भी बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया.. दिग्विजय सिंह से ट्वीट कर कहा कि शिवराज जी, वीडी शर्मा जी, नरोत्तम मिश्रा जी अपनी फौज को संभालिए, वरना फौज को बचाते-बचाते आप स्वयं फंसते जा रहे हैं। वैसे कांग्रेस पहले दिन से ये बताने की पुरजोर कोशिश में लगी कि शिकारियों के तार बीजेपी के नेताओं से जुड़े हैं।

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कुल मिलाकर गुना के आरोन में पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद से ही आरोप-प्रत्यारोप की सियासत जारी है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों का दावा है कि वो शिकारियों को संरक्षण दे रही। जुबानी जंग की ये लड़ाई अब सोशल मीडिया के प्लटेफॉर्म तक पहुंच चुका है। जहां सबूतों के जरिए एक दूसरे को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन शिकारियों के तार आखिरकार किससे जुड़े हुए है?