International Yoga Day 2025/Image Credit: IBC24
इंद्रेश सूर्यवंशी, उज्जैन। International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उज्जैन ने एक अनूठी मिसाल पेश की, जब शहर के बाल तैराकों ने शिप्रा नदी की गोद में उतरकर ‘जल योग’ के माध्यम से योग और स्वास्थ्य का संदेश दिया। दत्त अखाड़ा घाट पर आयोजित इस विशेष आयोजन में 6 से 15 वर्ष तक के करीब 30 बच्चों ने पानी में तैरते हुए विभिन्न योग मुद्राएं प्रस्तुत कर सभी को चकित कर दिया।
बच्चों ने किया जल योग
पानी में पिरामिड और अन्य योगासन, दिखाया संतुलन और समर्पण यह आयोजन मां शिप्रा तैराक दल के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें बच्चों ने जल के भीतर और सतह पर संतुलन बनाकर योग की कठिन मुद्राएं प्रदर्शित कीं। जल योग के दौरान बच्चों ने सामूहिक पिरामिड बनाए, ताड़ासन, वज्रासन, पद्मासन और ध्यान मुद्रा जैसी आकृतियों को जल के बहाव के बीच साकार कर दिखाया कि, योग केवल जमीन पर ही नहीं, जल में भी संभव है।
बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया
अनुशासन और आत्मविश्वास का प्रतीक तैराक दल के सचिव संतोष सोलंकी ने बताया कि, यह आयोजन बच्चों में मानसिक और शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाने की दिशा में किया गया है। उन्होंने कहा – “देश भर में योग दिवस की तैयारियां चल रही हैं, अधिकांश लोग ज़मीन पर बैठकर योग करेंगे। लेकिन हमने सोचा कि इस बार कुछ अलग किया जाए, इसलिए तैराकी सीख चुके बच्चों को पानी में योग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया।”
जल में योग करना साधारण योग से कहीं अधिक कठिन
सोलंकी ने बताया कि, जल में योग करना साधारण योग से कहीं अधिक कठिन होता है क्योंकि पानी में संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होता है। इसके लिए बच्चों को न केवल शारीरिक दृढ़ता बल्कि मानसिक एकाग्रता भी विकसित करनी पड़ती है। यही कारण है कि जल योग शरीर और मन, दोनों को सशक्त करने का माध्यम बन सकता है।