Jabalpur News: हॉस्टल में पति के साथ रहती थी वॉर्डन, आदिवासी छात्रा ने जताई आपत्ति तो बोली- बुर्का पहनकर आना, प्रिंसिपल के सामने ही निर्वस्त्र…
हॉस्टल में पति के साथ रहती थी वॉर्डन, आदिवासी छात्रा ने जताई आपत्ति तो बोली- बुर्का पहनकर आना, Warden of Government Divisional ITI Jabalpur forced Student to Wear Burqa
HIGHLIGHTS
- आदिवासी छात्रा से आपत्तिजनक और धार्मिक टिप्पणी करने पर महिला वॉर्डन निलंबित
- एनएसयूआई ने किया विरोध प्रदर्शन, जांच कमेटी गठित, पुलिस भी जांच में जुटी।
जबलपुरः Government Divisional ITI Jabalpur : मध्यप्रदेश के जबलपुर के शासकीय संभागीय आईटीआई के गर्ल्स हॉस्टल में एक आदिवासी छात्रा पर बुर्का पहनने का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। छात्रा ने गर्ल्स हॉस्टल परिसर में महिला वार्डन के पति के रहने पर आपत्ति जताई थी, जिस पर वॉर्डन ने छात्रा को बुर्का पहनने की नसीहत दे दी। छात्रा को प्रताड़ित भी किया गया जिस पर एनएसयूआई ने जमकर विरोध जताया। मामले में वॉर्डन निलंबित कर दिया गया है।
Government Divisional ITI Jabalpur: मिली जानकारी के अनुसार डिंडौरी से आकर शासकीय संभागीय आईटीआई में पढ़ रही एक आदिवासी छात्रा ने वार्डन दुर्गेश्वरी नायकर पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाया है। एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें छात्रा की शिकायत पर वॉर्डन उसे प्रिंसिपल के सामने ही निर्वस्त्र होकर घूमने की अभद्र बात कह रही है। इस पर एनएसयूआई ने जमकर विरोध जताते हुए शासकीय आईटीआई संस्थान का घेराव किया। कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल चैंबर में घुसकर धरना दिया और वॉर्डन दुर्गेश्वरी नायकर पर कार्रवाई की मांग की। उधर वार्डन ने कहा कि उससे अपशब्द ज़रुर निकला है, बाकि उस पर लगे प्रताड़ना के तमाम आरोप झूठे हैं।
उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित
Jabalpur News: एऩएसयूआई के इस विरोध प्रदर्शन और आईबीसी-24 पर लगातार ख़बर दिखाए जाने के बाद आईटीआई प्रबंधन ने कार्रवाई की है। प्रिंसिपल ने कहा कि उन्हें खुद इसकी जानकारी नहीं थी कि गर्ल्स हॉस्टल कैंपस में वॉर्डन के पति भी रहते हैं। प्रिंसिपल जैनिफर डैनियल ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है और वॉर्डन दुर्गेश्वरी नायकर को पद से हटा दिया है। पुलिस भी मामले में शिकायत के मुताबिक कार्रवाई करने की बात कह रही है। ये बात सच है कि हॉस्टल में अनुशासन बनाना ज़रुरी है और उसके लिए सख्ती भी ज़रुरी है, लेकिन जब आदिवासी क्षेत्रों से आने वाली बच्चियों को हॉस्टल्स में बुर्का पहनकर या निर्वस्त्र रहने जैसे ताने दिए जाएंगे तो विकास की मुख्य धारा से जुड़ने के उनके इरादों को कितना ठेस पहुंचेगा इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है।

Facebook



