पश्चिम मध्य रेलवे ने निशातपुरा यार्ड में ‘ऑप्टिकल फाइबर-सक्षम सिग्नल’ नियंत्रण तकनीक शुरू की |

पश्चिम मध्य रेलवे ने निशातपुरा यार्ड में ‘ऑप्टिकल फाइबर-सक्षम सिग्नल’ नियंत्रण तकनीक शुरू की

पश्चिम मध्य रेलवे ने निशातपुरा यार्ड में ‘ऑप्टिकल फाइबर-सक्षम सिग्नल’ नियंत्रण तकनीक शुरू की

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Modified Date: May 11, 2025 / 10:17 PM IST
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Published Date: May 11, 2025 10:17 pm IST

भोपाल, 11 मई (भाषा) पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के भोपाल मंडल ने आधुनिकता और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए निशातपुरा यार्ड में पारंपरिक ‘वायरिंग सिस्टम’ की जगह ‘ऑप्टिकल फाइबर’ संचालन पर आधारित अत्याधुनिक सिग्नल नियंत्रण तकनीक शुरू की है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

डब्ल्यूसीआर के भोपाल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल ने बताया कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे को सुरक्षित और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत बनाने में अपनी तरह की यह पहली अत्याधुनिक तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि यह उन्नत तकनीक हाल ही में निशातपुरा यार्ड में दो ‘सिग्नल पोस्ट’ पर शुरू की गई है।

उन्होंने बताया, “भोपाल-बीना रेलवे सेक्शन पर चरणबद्ध तरीके से परिचालन शुरू हो चुका है। वर्तमान योजनाओं के अनुसार, जून 2026 तक इस नई प्रणाली के साथ पूरे खंड को उन्नत किए जाने की उम्मीद है।”

अग्रवाल ने बताया कि अब तक सिग्नल नियंत्रण प्रणाली में पारंपरिक ‘मल्टी-वायर’ प्रक्रिया का उपयोग किया जाता था, जिसमें देरी और कभी-कभी खराबी का खतरा होता था।

उन्होंने बताया कि नई प्रणाली के तहत ‘ऑप्टिकल फाइबर केबल’ का उपयोग किया जाता है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में तेज, अधिक सुरक्षित और अत्यधिक विश्वसनीय सिग्नल ट्रांसमिशन सुनिश्चित करती है।

अग्रवाल ने बताया कि इस नई पद्धति के तहत रेलवे ट्रैक के साथ सिग्नल पारंपरिक तारों के बजाय सीधे ‘फाइबर लाइन’ के माध्यम से नियंत्रित होते हैं।

उन्होंने बताया, “भारी तारों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी संचार फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से होंगे, जिससे सुचारू और निर्बाध सिग्नल संचालन सुनिश्चित होगा।”

अधिकारी ने बताया कि आधुनिक प्रणाली में सिग्नल धोखा नहीं दे सकते‌ क्योंकि इसकी संभावना बेहद कम हो जाती है।

उन्होंने बताया, “यहां तक कि अगर एक घटक विफल हो जाता है, फिर भी ट्रेनों को सिग्नल दिखाई देता है।”

अग्रवाल ने बताया कि इसके अतिरिक्त, ट्रेनें अधिक सुरक्षित और समय पर चलेंगी।

रेलवे अधिकारी ने बताया कि फाइबर लाइन खराब होने की स्थिति में बैकअप लाइन तुरंत काम करना शुरू कर देती है और निर्बाध सेवा सुनिश्चित करती है।

भाषा ब्रजेन्द्र जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)