गांव में बिजली नहीं होने पर सोलर पैनल बना सहारा, आदिवासी अंचल के युवा ऐसे कर रहे उपयोग

Charging with solar panels: गांव में बिजली नहीं होने पर सोलर पैनल बना सहारा, आदिवासी अंचल के युवा ऐसे कर रहे उपयोग

गांव में बिजली नहीं होने पर सोलर पैनल बना सहारा, आदिवासी अंचल के युवा ऐसे कर रहे उपयोग
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: September 9, 2022 5:41 pm IST

Charging with solar panels: हटा। आवश्यकता अविष्कार की जननी है, कुछ इन्ही पंक्तियों को चरितार्थ करती है ये खबर। हटा गांव के आदिवासी अंचल के धुरखेड़ा गांव में युवाओं ने ऐसी जुगाड़ जमाई है जिसे सुनककर आप भी हैरान रह जाएंगे। जहां बिजली गुल हो जाने के बाद गांव के युवा स्कूल प्रांगड़ में लगे सोलर पैनल से जुगाड़ तकनीक से मोबाइल चार्जर पॉइंट्स बनाकर अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज करते हैं।

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बोरबेल हो गया था खराब

Charging with solar panels: दरअसल, ग्राम पंचायत घोघरा अंतर्गत आने वाले धुरखेड़ा गांव में पंचायत ने पेयजल की व्यवस्था के लिए सोलर पैनल सिस्टम बोरबेल लगाया गया था। लेकिन बोरबेल खराब हो जाने के बाद सोलर पैनल प्लेट्स नहीं हो रहा था। जिसके बाद युवाओं ने इस सद्उपयोग करने का सोचा और चार्जर लगाकर फोन चार्ज करना शुरू किया। यहां के मोबाइल धारकों ने चार्जिंग पॉइंट्स के रूप से सोलर पैनल का उपयोग शुरू कर दिया।

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जुगाड़ की तकनीक

Charging with solar panels: गांव में जब भी बिजली गुल होती या लाइट नहीं आती तो युवा और बच्चे स्कूल प्रांगड़ में लगे इस सोलर पैनल के पास पहुंच जाते और अपने मोबाइल फोन सहित बैटरियों को चार्ज करते हैं। मोबाइल चार्ज और बैटरी पूरी होने तक बच्चे यहां खेलकर समय व्यतीत करते हैं। आदिवासी अंचल में अधिकतर समय विजली कटौती के बाबजूद यहां निवास करने वाले गिने चुने मोबाइल उपभोक्ता इस जुगाड़ की तकनीक से कनेक्टिविटी से जुड़े रह पाते हैं।

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