शह मात The Big Debate: पहले पैर धुलाई..अब बिगड़े बोल पर लड़ाई! पैर धुलाई कांड के पीछे इतनी सियासत क्यों? देखें पूरा वीडियो
MP News: पहले पैर धुलाई..अब बिगड़े बोल पर लड़ाई! पैर धुलाई कांड के पीछे इतनी सियासत क्यों? देखें पूरा वीडियो
MP News | Photo Credit: IBC24
- हाईकोर्ट पहुंचा युवक को “चरणामृत” पीने के लिए मजबूर करने का मामला
- कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर जांच के दौरान अभद्र टिप्पणी का आरोप
- OBC के नाम पर सियासत तेज, पीड़ित परिवार ने राजनीतिक हस्तक्षेप पर जताई नाराज़गी
दमोह: MP News दमोह जिले के सतरिया गाँव में बंद दरवाजों में ख़ुद को कैद कर खिड़की से झांकता हुआ ये शख्स- किसी मामले में गुनहगार या वांछित नहीं है। ये तंग है उन लोगों से जो इसके हिमायती बनकर उसे सियासी न्याय दिलाना चाहते हैं, लेकिन ये युवा तथाकथित अपने बरसाती रहनुमाओं से तंग आ चुका है।
दरअसल, ये लड़का OBC से आता है। बीते दिनों गाँव के किसी दबंग ब्राम्हण परिवार पर इसने फोटो के साथ सोशल मीडिया में कोई टिप्पणी कर दी। पंचायत बैठी और उसे ब्राम्हण व्यक्ति के चरण धुलाकर चरणामृत पिला दिया। मामले में बवाल बढ़ा। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए NSA के तहत मामला दर्ज़ करने के निर्देश दे दिए हैं। मामले में ओबीसी एंगल आया और कांग्रेस ने आनन-फानन में तीन विधायकों की जांच कमेटी बनाई। हटा के सतरिया गाँव टीम पहुंची। इस दौरान कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा शिकायतकर्ता से दूसरे ब्राह्मण नेताओं का नाम लिखाना चाह रहे थे, लेकिन जब वो राजी नहीं हुआ तो सिद्धार्थ कुशवाहा ने इतना गंदा कहा कि जिसे सुनकर आपको भी गुस्सा आ जाए।
कुलमिलाकर जब हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान ले लिया है। सरकार और प्रशासन की ओर से एक्शन जारी है। ऐसे में ओबीसी के नाम पर सियासी दल, छुटभैये से लेकर बड़भैये नेता अपनी सियासत चमकाने के लिए पीड़ित को परेशान करने क्यों जा रहे हैं? सवाल ये है कि- कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की अभद्रता क्या ओबीसी का अपमान नहीं है?आखिर ये कैसे रहनुमा हैं जो वर्ग संघर्ष खड़े करना चाहते हैं? और आखिरकार इन्हें किसी के भी अपमान का हक किसने दे दिया?

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