मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने शनिवार को कहा कि पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले खेमे के वकील का यह आरोप शरद पवार के चरित्र पर सवाल उठाने जैसा है कि राकांपा संस्थापक पार्टी को अपनी जागीर की तरह चलाते हैं।
उनकी यह टिप्पणी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावों को लेकर शरद पवार तथा अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के विरोधी गुटों से निर्वाचन आयोग की मुलाकात के एक दिन बाद आई है। शरद पवार दिल्ली में व्यक्तिगत सुनवाई में मौजूद थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी शरद पवार की ओर से निर्वाचन आयोग के समक्ष उपस्थित हुए, जबकि अजित पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल और मनिंदर सिंह उपस्थित हुए।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक आव्हाड ने कहा, ‘‘विरोधी गुट के वकील ने कहा कि शरद पवार अपनी पार्टी को अपनी जागीर समझकर अलोकतांत्रिक तरीके से चलाते हैं। राजनीतिक लड़ाई जीतने के लिए की जा रही ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह शरद पवार के चरित्र पर सवाल उठाने जैसा है।’’
उन्होंने कहा, ‘एक वकील वही बोलता है जिसके बारे में उसे बताया जाता है। और अलग हुआ समूह उस नेता के बारे में यही कहता है जिसने उन्हें सब कुछ दिया है। किसी को उन्हें लोकतंत्र विरोधी कहने की हिम्मत कैसे हुई। यह उन्हीं (शरद पवार) के कारण है कि सभी ने सत्ता का आनंद लिया।’
आव्हाड ने कहा कि अलग हुए समूह को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्या पवार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘अलग हुआ समूह कह रहा है कि विधायकों की संख्या और उन्हें मिले मतों पर विचार किया जाना चाहिए। वे किसी संगठन की बात नहीं करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विधायक दल को राजनीतिक दल नहीं कहा जा सकता।’
शरद पवार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ही राहुल गांधी से भी मुलाकात की।
आव्हाड ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ पवार की मुलाकात अनौपचारिक थी।
अजित पवार दो जुलाई को राकांपा के आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया था।
बगावत से दो दिन पहले, अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था और पार्टी के नाम के साथ-साथ इसके चुनाव निशान पर भी दावा किया था। बाद में उन्होंने 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था।
हाल में, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, सिवाय इसके कि कुछ शरारती व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं। इसने यह बात अजित पवार के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह के संदर्भ में कही थी।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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