Ajit pawar NCP: महाराष्ट्र में अजित पवार के हाथ में आएगी सत्ता की चाबी! शिंदे हुए आयोग्य हुए तो क्या होगा….जानें
Ajit Pawar become kingmaker or king?
Ajit Pawar's pain
Ajit pawar NCP: मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। एक तरह से कहें तो आज शिंदे सरकार आगे बनी रहेगी या जाएगी यह तय हो सकता है। दरअसल, यहां विधानसभा अध्यक्ष को आज एकनाथ शिंदे के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर फैसला लेना है। अगर सीएम शिंदे अयोग्य हुए तो महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी अजित पवार के हाथ में जा सकती है। ऐसे में अजित पवार किंगमेकर बनकर ही रह जाएंगे या किंग बनेंगे? यह सवाल उठ रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में लगातार दो साल में दो बड़ी बगावतें सामने आयी है। 20 जून 2022 को शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी हो गए थे। तब उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी, शिवसेना के बागी विधायकों ने बीजेपी के समर्थन से नई सरकार बना ली और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए।
वहीं दूसरी घटना में एक साल बाद ही अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी, 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने शिंदे सरकार का समर्थन कर दिया और डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली। अजित पवार के एनसीपी के 41 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद से ही सीएम को लेकर एक नई चर्चा छिड़ गई है। 40 विधायकों वाले एकनाथ शिंदे ही सीएम रहेंगे या सरकार की कमान अजित के हाथ आएग? इसे लेकर चर्चा तेज हुई तो डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को यह कहना पड़ा था सीएम शिंदे ही रहेंगे।
अब एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत एक नए मोड़ पर है, स्पीकर राहुल नार्वेकर को सीएम शिंदे समेत विधायकों की अयोग्यता को लेकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से दिए गए नोटिस पर फैसला लेना है। अब निर्णय की घड़ी आ गई है तो साथ ही यह चर्चा फिर से तेज हो गई है कि अगर एकनाथ शिंदे को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया जाता है तो नया सीएम कौन होगा?
इस मामले को समझा जाए तो महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय 286 विधायक हैं। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 144 सीटों का है। उद्धव गुट ने चार ग्रुप में शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस दिया है, अब अगर सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो विधायकों की संख्या 270 रह जाएगी और ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा भी 136 हो जाएगा।
केवल बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार के विधायकों की संख्या ही देखें तो शिंदे सरकार के पास इस समय 185 विधायकों का समर्थन है, बीजेपी के 104, अजित पवार गुट के 41 और शिवसेना शिंदे गुट के 40 विधायक हैं। 16 विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं तो शिंदे गुट का संख्याबल 24 रह जाएगा और सरकार का नंबर गेम भी 185 से गिरकर 169 विधायकों पर आ जाएगा जो बहुमत के लिए जरूरी 136 से अधिक है। यानी शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में भी गठबंधन सरकार के पास बहुमत रहेगा, पर सत्ता के शीर्ष पर बदलाव भी हो सकता है।
एकनाथ शिंदे अयोग्य हुए तो क्या होगा?
अगर सीएम शिंदे अयोग्य घोषित होते हैं तो उन्हे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। फिर विधायक दल को नया नेता चुनना होगा और नए सिरे से सरकार का गठन होगा। मंत्रिमंडल का भी नए सिरे से गठन होगा, ऐसे में क्या अजित पवार किंग बन सकेंगे? यह सवाल उठ रहा है।

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