आंध्र प्रदेश: सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निजी स्वामित्व वाले मंदिरों पर विशेष ध्यान देगी

आंध्र प्रदेश: सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निजी स्वामित्व वाले मंदिरों पर विशेष ध्यान देगी

आंध्र प्रदेश: सरकार दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निजी स्वामित्व वाले मंदिरों पर विशेष ध्यान देगी
Modified Date: December 1, 2025 / 07:49 pm IST
Published Date: December 1, 2025 7:49 pm IST

अमरावती, एक दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश में साल 2025 में तीन बड़ी मंदिर दुर्घटनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव के. विजयानंद ने सोमवार को अधिकारियों को निजी स्वामित्व वाले मंदिरों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया, जहां कई त्योहारों और विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।

इन तीन मंदिर दुर्घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 लोग घायल हुए थे।

जनवरी में तिरुपति में एमजीएम स्कूल के पास बैरागी पट्टेडा में भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 40 अन्य लोग घायल हो गए।

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सैकड़ों श्रद्धालु तिरुमला पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम के टिकट के लिए होड़ में थे।

विजयानंद ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “राज्य के निजी स्वामित्व वाले मंदिरों और उनमें आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पर विशेष ध्यान दिया जाए। आने वाले दिनों में कई त्योहार और विशेष अवसर हैं, इसलिए सभी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।”

उन्होंने अधिकारियों को उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले निजी स्वामित्व वाले मंदिरों की निगरानी करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसे मंदिर प्रबंधनों को त्योहारों व विशेष अवसरों पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में अधिकारियों को पहले से सूचित करना चाहिए।

विजयानंद ने कहा, “प्रभावी भीड़ नियंत्रण के लिए, मंदिर प्रशासन को पुलिस से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए और मंदिरों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे मंदिर परिसर में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिलेगी।”

उन्होंने भीड़ नियंत्रण उपायों और आवश्यक कार्रवाई का आह्वान किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि एक दिशानिर्देश पुस्तिका तैयार की जानी चाहिए और सभी निजी स्वामित्व वाले मंदिरों को जारी की जानी चाहिए, जिसमें वैकुंठ एकादशी, धनुर्मास और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों और त्योहारों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन व न्यासियों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का विवरण दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रबंधन की जिम्मेदारी मंदिर पदाधिकारियों और न्यासियों की है फिर भी भीड़ ज्यादा होने के दौरान मजबूत बंदोबस्त सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष


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