पुणे, 20 मई (भाषा) भारत के प्रथम पूर्ण खगोल मिशन एस्ट्रोसैट ने ब्लैकहोल के 500वीं बार निर्माण होने का पता लगाया है। पुणे स्थित अनुसंधान संस्थान आईयूसीएए ने यह जानकारी दी।
वैज्ञानिक इस घटनाक्रम को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बता रहे हैं।
एस्ट्रोसैट, 2015 से अंतरिक्ष में है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उस वर्ष प्रक्षेपित किया था। एस्ट्रोसैट विश्व की सबसे संवेदनशील दूरबीनों में शामिल है। इसमें पांच उपकरण लगे हैं जो एक साथ ब्रह्मांड का पराबैंगनी, ऑप्टिकल और एक्स-रे विकिरण में अध्ययन कर सकते हैं।
इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) ने एक बयान में कहा, ‘‘इन उपकरणों में एक कैडमियम जिंक टेलुराइड इमेजर है जिसने अभी-अभी ब्लैकहोल के निर्माण को 500वीं बार देखा है।’’
अशोका यूनिवर्सिटी और आईयूसीएए के प्रोफेसर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ’’
ब्लैकहोल का गुरुत्व बल इतना अधिक होता है कि उससे होकर प्रकाश भी नहीं गुजर सकता। वे दुनिया भर के खगोल वैज्ञानिकों की गहन निगरानी के विषय हैं। विश्व भर के वैज्ञानिक उनके निर्माण का अध्ययन कर रहे हैं।
भाषा
सुभाष नेत्रपाल
नेत्रपाल
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नवी मुंबई में व्यक्ति को पीटने और जूते चाटने के…
3 hours agoपुलिस ने ठाणे में 15 लाख रुपये के चोरी के…
5 hours ago