मुंबई, 28 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने एमएसआरटीसी में आर्थिक चुनौतियों और 10,000 करोड़ रुपये के संचयी घाटे को स्वीकार करते हुए सोमवार को कहा कि राज्य द्वारा संचालित बस सेवा निगम की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए एक श्वेत पत्र तैयार किया जाना चाहिए।
सरनाइक ने एमएसआरटीसी मुख्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए कर्मचारियों के बकाये, भविष्य निधि की किस्तों और श्रम समझौतों के तहत लंबित भुगतानों को चुकाने के लिए धन जुटाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पांच विशेषज्ञ, निगम की दक्षता में सुधार करने के लिए अधिकारियों और प्रशासन का मार्गदर्शन करेंगे।
सरनाइक ने कहा कि करीब 10,000 करोड़ रुपये का घाटा झेल रही एमएसआरटीसी को कर्मचारियों के वेतन, वाहनों व टायरों की खरीद, ईंधन खरीद, स्टेशन के नवीनीकरण और अन्य स्थापना लागतों से संबंधित खर्चों के प्रबंधन में रोजाना वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि ईंधन, माल और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं के बकाए को ध्यान में रखते हुए वित्तीय अनुशासन लाने के लिए श्वेत पत्र के माध्यम से निगम की वर्तमान आय, व्यय और बकाया देनदारियों का हिसाब रखना आवश्यक है।
मंत्री ने भविष्य के लिए रूपरेखा बनाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हाल ही में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार, 1,310 बसों को पट्टे पर लेने के मामले में एक तटस्थ तृतीय-पक्ष जांच की जाएगी और अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) को तदनुसार निर्देश दिए जाएंगे।
सरनाइक ने एमएसआरटीसी प्रशासन को धर्मवीर आनंद दिघे के नाम पर ‘कैशलेस मेडिक्लेम’ योजना शुरू करने का निर्देश दिया।
यह योजना, कर्नाटक राज्य परिवहन निगम द्वारा अपनाए गए मॉडल के समान है, जहां कर्मचारियों को एक ही जगह पर चिकित्सा सेवाएं और स्वास्थ्य जांच मिलेंगी।
भाषा जितेंद्र रंजन
रंजन
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)