चिंतन उपाध्याय के पास अपनी पत्नी की हत्या करने का कोई उद्देश्य नहीं था: बचाव पक्ष
चिंतन उपाध्याय के पास अपनी पत्नी की हत्या करने का कोई उद्देश्य नहीं था: बचाव पक्ष
मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) वर्ष 2015 में अपनी पत्नी और उसके वकील की हत्या करने के आरोपी कलाकार चिंतन उपाध्याय का बचाव करते हुए उनके अधिवक्ता ने यहां शनिवार को निचली अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल के पास यह अपराध करने का कोई उद्देश्य नहीं था। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
दोहरे हत्याकांड मामले में उपाध्याय के वकील राजा ठाकरे ने आखिरी और निर्णायक बहस में यह दलील दी। 11 दिसंबर, 2015 को हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरेश भंभानी की हत्या के तुरंत बाद चिंतन को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों के शव को उपनगरीय कांदिवली स्थित एक खाई से बरामद किया गया जिन्हें गत्ते की पेटी में रखा गया था।
इस मामले के मुख्य आरोपी विद्याधर राजभर अब भी फरार हैं। चिंतन पर आरोप है कि उन्होंने अलग रह रही पत्नी की हत्या की साजिश रची, लेकिन फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
अधिवक्ता ठाकरे ने कहा, ‘‘ उन्होंने पहली बार 2009 में हेमा को तलाक का नोटिस दिया था। न्यायिक निष्कर्षों के साथ क्रूरता के आधार पर उन्हें तलाक दिया गया था। वह इतने सालों बाद 2015 में हत्या की योजना क्यों बनाएंगे, जबकि उनकी नफरत की भावना 2009 में अपने चरम पर थी।’’
भाषा संतोष पवनेश
पवनेश

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