CM भूपेश बघेल 'महात्मा फुले समता पुरस्कार' से सम्मानित, वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के असाधारण फैसलों और कार्यों के लिए मिला सम्मान | CM Bhupesh Baghel honored with 'Mahatma Phule Samta Puraskar', for his extraordinary decisions and actions to provide justice to the deprived sections

CM भूपेश बघेल ‘महात्मा फुले समता पुरस्कार’ से सम्मानित, वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के असाधारण फैसलों और कार्यों के लिए मिला सम्मान

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने कार्यकाल के दौरान समाज के वंचित वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में लिए गए फैसलों और असाधारण महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस वर्ष के ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले की पुस्तक ’किसान का कोड़ा’ की प्रति भेंट की गई।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : November 28, 2021/3:23 pm IST

CM Bhupesh Baghel honored

रायपुर, 28 नवम्बर 2021। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आज महात्मा ज्योतिबा फुले की 131 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पुणे में ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। पुणे के महात्मा फुले स्मारक ’समता भूमि’ में अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद् द्वारा आयोजित समारोह में परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भुजबल ने फुले पगड़ी, मानद शाल, सम्मान निधि और स्मृति चिन्ह प्रदान कर ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ से सम्मानित किया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने कार्यकाल के दौरान समाज के वंचित वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में लिए गए फैसलों और असाधारण महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस वर्ष के ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले की पुस्तक ’किसान का कोड़ा’ की प्रति भेंट की गई। इसके पहले मुख्यमंत्री ने महात्मा फुले स्मारक ’समता भूमि’ में महात्मा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

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मुख्यमंत्री बघेल ने ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ वितरण समारोह में महात्मा ज्योतिबा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले को नमन करते हुए कहा कि महात्मा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले ने समाज के वंचितों, पीड़ितों, शोषितों और तिरस्कृत लोगों के लिए जीवन भर काम किया, उन्हें जीवन की राह दिखायी और समाज में सम्मान दिलाया। महात्मा फुले का जीवन एक उत्कट क्रांतिकारी का जीवन था। उन्होंने अपने समय की समस्याओं को नजदीक से देखा, समझा और उनका निदान भी खोजा। उन्होंने समाज में व्याप्त रूढ़ियों पर सीधे तौर पर प्रबल प्रहार किया, उस समय की शिक्षा, चिकित्सा और समता की समस्याओं के निदान का काम करते हुए समतामूलक समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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सीएम ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले के रूप में एक ज्योति सामने आई। जिन्होंने समाज सुधार के माध्यम से समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कार्य किया। वंचितों, तिरस्कृतों को सम्मान दिलाया और शिक्षा पर जोर दिया। विशेष रूप से महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा था कि विद्या के बिना मति नहीं, मति के बिना नीति नहीं, नीति के बिना गति नहीं और गति के बिना अर्थ नहीं। उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रणी नेता थे, तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजनीतिक क्रांति के अग्रणी समाज सुधारक थे। महात्मा गांधी ने लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कुटीर उद्योगों पर जोर दिया। चरखा और तकली को हथियार बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने महात्मा फुले के काम को आगे बढ़ाया। उन्होंने समाज के उत्पादक समाज को आगे बढ़ाने का काम किया।

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वहीं सीएम बघेल ने भारत के संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान के माध्यम से हमें बराबरी का, समानता का अधिकार दिलाया। उन्होंने आज की परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हमारा संविधान और संस्थाएं खतरे में हैं। इन्हें बचाने की जरूरत है। उन्होंने आज की परिस्थितियों में पूंजीवाद और बाजारवाद से लड़ने के लिए छोटे कारिगरों द्वारा उत्पादि वस्तुओं के उपयोग को आवश्यक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात से कम आरक्षण मिल रहा है। लेकिन इस विषय में सब मौन है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्वांटिफायबल डाटा एकत्र किया जा रहा है। जिसे बहुत जल्द उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि जिसका जितना हक है वह उन्हें मिल सके।

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सीएम बघेल ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद बस्तर के लोहंडीगुड़ा में इस्पात संयंत्र लगाने के लिए 1700 किसानों से अधिकृत की गई 4200 एकड़ जमीन उन्हें लौटाई गई। किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को इनपुट सब्सिडी देने की शुरूआत की। गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में दो रूपये किलो में गोबर खरीद कर गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है जिसमें हजारों महिलाओं को रोजगार मिला है। अब जैविक खाद के साथ गोबर से बिजली भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्मी खाद का उत्पादन कर हम जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। वर्षा के जल को रोकने के लिए 12000 नालों की रि-चार्जिंग की जा रही है।

 
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