पार्थ पवार से जुड़े पुणे भूमि सौदे की जांच के लिए समिति गठित, एक महीने में रिपोर्ट देगी

पार्थ पवार से जुड़े पुणे भूमि सौदे की जांच के लिए समिति गठित, एक महीने में रिपोर्ट देगी

पार्थ पवार से जुड़े पुणे भूमि सौदे की जांच के लिए समिति गठित, एक महीने में रिपोर्ट देगी
Modified Date: November 7, 2025 / 09:51 pm IST
Published Date: November 7, 2025 9:51 pm IST

मुंबई, सात नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया, जो पुणे में हुए एक भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच करेगी। यह सौदा उस कंपनी से जुड़ा है, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भागीदार हैं।

पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 300 करोड़ रुपये में 40 एकड़ जमीन की बिक्री के सौदे ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी नामक कंपनी को बेची गई थी, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भागीदार हैं। विवाद इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि यह जमीन सरकारी बताई जा रही है और इस सौदे में आवश्यक स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई थी। इसके अलावा, विपक्षी दलों का आरोप है कि संबंधित जमीन की वास्तविक कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये थी।

राज्य के राजस्व एवं वन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खरगे की अध्यक्षता वाली समिति पुणे शहर के मौजे मुंधवा में सर्वेक्षण संख्या 88 से संबंधित ‘दस्तावेजों के अनधिकृत पंजीकरण’ की जांच करेगी और यह निर्धारित करेगी कि क्या इस सौदे से राज्य के खजाने को कोई वित्तीय नुकसान हुआ है।

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प्रस्ताव में कहा गया है कि समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

जांच समिति के अध्यक्ष खरगे हैं, और पुणे के संभागीय आयुक्त, पंजीकरण एवं स्टाम्प महानिरीक्षक (पुणे), निपटान आयुक्त और भूमि अभिलेख निदेशक, पुणे के जिला कलेक्टर और राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव (स्टाम्प) इसके सदस्य हैं।

अधिकारियों ने बताया कि समिति इस बात की जांच करेगी कि भूमि सौदा कैसे हुआ, किसी भी प्रक्रियागत उल्लंघन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या व्यक्तियों की पहचान करेगी, सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करेगी तथा भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के तरीके भी सुझाएगी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आज शाम पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके बेटे पार्थ और उनके व्यापारिक साझेदार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पुणे में जो जमीन उनकी कंपनी ने खरीदी है, वह सरकार की है।

अजित पवार ने कहा कि 300 करोड़ रुपये के सौदे की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। उन्होंने कहा कि सौदे से संबंधित दस्तावेजों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और इस संबंध में अधिकारियों को हलफनामा सौंप दिया गया है।

भाषा तान्या दिलीप

दिलीप


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