उद्योगपति यशोवर्धन बिरला को अदालत ने विदेश यात्रा की अनुमति दी
उद्योगपति यशोवर्धन बिरला को अदालत ने विदेश यात्रा की अनुमति दी
मुंबई, 30 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने फर्जीवाड़ा और धनशोधन के कई आरोपों का सामना कर रहे उद्योगपति यशोवर्धन बिरला को एक जुलाई तक ब्रिटेन और मिस्र की यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी।
अदालत ने रेखांकित किया कि उनके भागने का जोखिम नहीं है या उनके भगोड़ा होने की संभावना नहीं है।
न्यायमूर्ति अभय आहूजा और न्यायमूर्ति मिलिंद साठाये की अवकाश पीठ ने 26 मई को बिरला के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को एक जुलाई तक के लिए स्थगित करते हुए आव्रजन अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन्हें विदेश जाने और विमान पर सवार होने दें।
अदालत ने बिरला को केवल मिस्र और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति देते हुए रेखांकित किया कि वह पहले भी कई मौके पर विदेश यात्रा पर गए हैं और भारत लौट आए हैं तथा उन्होंने सभी शर्तों का अनुपालन किया है।
अदालत ने कहा, ‘‘आवेदनकर्ता (बिरला) ने पूर्व की विदेश यात्राओं के दौरान रखी गई शर्तों का अनुपालन किया है और उनका परिवार भारत में ही है।’’
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए प्रथम दृष्टया इस स्तर पर हमें यह प्रतीत नहीं होता कि आवेदनकर्ता (बिरला) के देश छोड़ने या भागने का खतरा है या वह जांच अधिकारियों और अदालत के समक्ष पेश नहीं होगा।’’
पीठ ने कहा कि बिरला केवल ब्रिटेन और मिस्र की यात्रा कर सकते हैं और वह एक जुलाई तक लौट आएंगे। अदालत ने बिरला की ओर से पेश इस हलफनामे को भी स्वीकार कर लिया कि उनके बच्चे भारत में ही रहेंगे और उनके साथ नहीं जाएंगे।
गौरतलब है कि बिरला धनशोधन निषेध अधिनियम (पीएमएलए) और महाराष्ट्र (वित्तीय संस्थानों में) जमाकर्ता हित रक्षा अधिनियम के तहत दर्ज कई मामलों का सामना कर रहे हैं।
गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) ने भी बिरला के स्वामित्व वाली विभिन्न कंपनियों के खिलाफ कंपनी अधिनियम के तहत जांच शुरू की है।
भाषा धीरज सिम्मी
सिम्मी

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