क्या ‘मौन’ उद्धव सनातन धर्म और हिंदुओं पर आव्हाड की टिप्पणी का समर्थन करते हैं: भाजपा नेता

क्या 'मौन' उद्धव सनातन धर्म और हिंदुओं पर आव्हाड की टिप्पणी का समर्थन करते हैं: भाजपा नेता

क्या ‘मौन’ उद्धव सनातन धर्म और हिंदुओं पर आव्हाड की टिप्पणी का समर्थन करते हैं: भाजपा नेता
Modified Date: August 4, 2025 / 10:03 pm IST
Published Date: August 4, 2025 10:03 pm IST

मुंबई, चार अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिवसेना (उबाठा) नेता उद्धव ठाकरे से गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड द्वारा सनातन धर्म और हिंदुओं पर की गई टिप्पणी पर उनकी ‘चुप्पी’ को लेकर सोमवार को सवाल किया।

आव्हाड ने शनिवार को कहा था कि ‘सनातनी आतंकवाद को स्वीकार किया जाना चाहिए’ और उन्होंने आरोप लगाया था कि विचारकों और समाज सुधारकों को ‘सनातनी आतंकवादियों’ द्वारा सताया गया था।

महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, ‘अदालत द्वारा (2008 मालेगांव विस्फोट मामले में) तथाकथित भगवा आतंकवाद की मनगढ़ंत कहानी को खारिज करने के बाद, (धर्म को) बदनाम करने का एक नया अभियान शुरू किया गया है, इस बार सनातन हिंदू धर्म को निशाना बनाया गया है।’

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उन्होंने पूछा, ‘क्या हिंदुत्व को कायम रखने का दावा करने वाले उद्धव ठाकरे, जितेंद्र आव्हाड की सनातन धर्म और हिंदुओं को बदनाम करने वाली अपमानजनक टिप्पणी का समर्थन करते हैं? वह अब तक चुप क्यों हैं?’

उपाध्याय ने सवाल किया कि क्या उन्होंने कांग्रेस की तुष्टीकरण की संस्कृति के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है और क्या अब वह सनातन संस्कृति के अपमान को मंजूरी दे रहे हैं?

उपाध्याय ने दावा किया कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद, हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को फंसाने की कांग्रेस नेताओं और राकांपा (एसपी) नेता शरद पवार द्वारा कथित रूप से रची गई साजिश विफल हो गई।

उपाध्याय ने दावा किया, ‘अब यही ताकतें एक नया विमर्श गढ़ रही हैं, सनातन धर्म को अतिवादी बता रही हैं और जितेंद्र आव्हाड को अपने दुर्भावनापूर्ण अभियान का चेहरा बना रही हैं। इस खतरनाक दुष्प्रचार को पुनर्जीवित करके, कांग्रेस अपने ही हाथों महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने पर तुली हुई प्रतीत होती है।”

अक्टूबर 1921 में ‘यंग इंडिया’ में गांधी के लेख का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा ने लिखा था कि वह स्वयं को सनातनी हिंदू कहते हैं तथा वेदों, उपनिषदों, पुराणों और सभी पवित्र हिंदू धर्मग्रंथों में उनकी अटूट आस्था है।

भाषा नोमान अविनाश

अविनाश


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