मादक पदार्थ मामले का आरोपी ललित पाटिल पुणे के अस्पताल से फरार होने के दो हफ्ते बाद गिरफ्तार

मादक पदार्थ मामले का आरोपी ललित पाटिल पुणे के अस्पताल से फरार होने के दो हफ्ते बाद गिरफ्तार

मादक पदार्थ मामले का आरोपी ललित पाटिल पुणे के अस्पताल से फरार होने के दो हफ्ते बाद गिरफ्तार
Modified Date: October 18, 2023 / 07:32 pm IST
Published Date: October 18, 2023 7:32 pm IST

मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे शहर के एक अस्पताल से दो अक्टूबर को फरार हुए मादक पदार्थ मामले के आरोपी ललित पाटिल को बेंगलुरु के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। मुंबई पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 300 करोड़ रुपये के मेफेड्रोन जब्ती समेत अन्य मामले में वांछित पाटिल (37) को मुंबई के साकीनाका पुलिस थाने की एक टीम ने मंगलवार रात एक होटल से गिरफ्तार किया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ललित को बुधवार को उपनगरीय अंधेरी में एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे मेफेड्रोन जब्ती मामले में 23 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

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चिकित्सा जांच के लिए ले जाए जाने के दौरान यहां मराठी समाचार चैनल एबीपी माझा से ललित ने कहा कि वह पुणे के ससून जनरल अस्पताल से भागा नहीं था।

ललित ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मीडिया से कहा, ‘‘ मुझे भगाया गया था….मैं बताऊंगा कि इसमें कौन-कौन शामिल है। ’’

पुणे पुलिस के मुताबिक ललित दो अक्टूबर को सरकारी ससून जनरल अस्पताल से उस समय फरार हो गया था जब उसे एक्स-रे के लिए ले जाया गया था। ललित को पुणे जिले के चाकन में 2022 में मादक पदार्थ के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसे पुणे की यरवदा जेल में रखा गया था, और इलाज के लिए पिछले तीन महीनों से ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मुंबई पुलिस ने छह अक्टूबर को कहा था कि उन्होंने 300 करोड़ रुपये मूल्य का 151 किलोग्राम मादक पदार्थ मेफेड्रोन जब्त किया है। पुलिस ने कहा कि पिछले दो महीने के दौरान चलाए गए अभियान के दौरान नासिक में एक दवा निर्माण इकाई समेत विभिन्न स्थानों पर मारे गए छापों में मादक पदार्थ की जब्ती के साथ-साथ कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। उन्होंने बताया कि वह इस मामले में गिरफ्तार किया गया 15वां आरोपी है।

पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग करते हुए मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों ने उसका नाम लिया है, और पुलिस इस सिलसिले में पैसे के लेन-देन की भी जांच कर रही है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ललित पाटिल की गिरफ्तारी से मादक पदार्थों के संबंध में एक बड़े गठजोड़ का पर्दाफाश होगा। मुझे इस मामले की जानकारी दी गई है और मैं सारी बातें नहीं बता सकता, लेकिन एक बात कह सकता हूं, एक बड़ी सांठगांठ का पर्दाफाश होगा और जो लोग वर्तमान में राज्य के मामलों में अनाप-शनाप बोल रहे हैं, उनका मुंह पूरी तरह से बंद हो जाएगा। ’’

अस्पताल से पाटिल के भागने के बारे में पूछे जाने पर, फडणवीस ने कहा, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में जांच जारी है। जिन लोगों ने गलती की है, उन सभी को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’

पाटिल के दो अक्टूबर को अस्पताल से भागने के बाद नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

पुणे पुलिस ने 30 सितंबर को ससून जनरल अस्पताल के बाहर से दो करोड़ रुपये के मेफेड्रोन के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।

इस मामले में जांच के उपरांत अस्पताल कैंटीन के एक कर्मचारी की गिरफ्तारी हुई, जिसने खुलासा किया कि उस समय अस्पताल में भर्ती यरवदा जेल के कैदी ललित पाटिल द्वारा मादक पदार्थ की आपूर्ति की गई थी।

अधिकारियों ने पहले कहा था कि 10 अक्टूबर को पुणे पुलिस ने मेफेड्रोन जब्ती मामले में ललित पाटिल के भाई भूषण पाटिल और उनके सहयोगी अभिषेक बलकावड़े को उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र सरकार ने ललित पाटिल के अस्पताल से भागने की जांच के लिए चार-सदस्यीय समिति का गठन किया था।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी ने

साकीनाका पुलिस द्वारा जांच की गई 300 करोड़ रुपये की मेफेड्रोन जब्ती को लेकर यहां संवाददाताओं से कहा कि जांच अगस्त में 10 ग्राम मेफेड्रोन की जब्ती के साथ शुरू हुई जिसके बाद कुल 151 किलोग्राम की बरामदगी हुई।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘ ललित पाटिल इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक है और उसका भाई भूषण पाटिल भी इस मामले में आरोपी है।

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उन्होंने कहा कि पुलिस ने भूषण के खिलाफ वारंट प्राप्त कर लिया है और पुणे पुलिस से उसकी हिरासत लेगी।

पुलिस के मुताबिक नासिक का रहने वाला ललित पाटिल अस्पताल से भागने के बाद पहले उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले के चालीसगांव गया और फिर धुले होते हुए गुजरात के सूरत पहुंचा।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि गुजरात में एक रिश्तेदार से मिलने के बाद, वह दक्षिण महाराष्ट्र के सोलापुर की ओर चला गया और फिर उसके बाद बीजापुर और बेंगलुरु गया।

इस अभियान का नेतृत्व करने वाले पुलिस उपायुक्त दत्ता नलवाडे ने कहा कि पुलिस खुफिया जानकारी और तकनीकी जानकारी के आधार पर ललित का पीछा कर रही थी।

नलवाडे ने कहा कि साकीनाका पुलिस टीम ने आखिरकार ललित को बेंगलुरु के चेन्ना सेंद्रा गांव के एक होटल से पकड़ लिया। ललित इस दौरान किराए की कारों का इस्तेमाल करता था और समय-समय पर उन्हें बदलता रहता था। चूंकि, वह मोबाइल फोन नहीं रखता था, इसलिए पुलिस के लिए उसे ट्रैक करना संभव नहीं था।

भाषा रवि कांत पवनेश

पवनेश


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