मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) अभिनेता इमरान हाशमी का मानना है कि फिल्मी दुनिया में प्रासंगिक बने रहने के लिए कलाकारों को खुले मन से युवा पीढ़ी से सीखना चाहिए और उनके नजरिए को समझते हुए खुद को समय के अनुसार ढालना चाहिए।
हाशमी ने वर्ष 2000 और 2010 के दशक में ‘गैंगस्टर’, ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘शंघाई’ और ‘टाइगर्स’ जैसी फिल्मों में अपने जबरदस्त अभिनय से पहचान बनाई, जबकि ‘राज’, ‘मर्डर’ और ‘जन्नत’ जैसी फिल्मों से व्यावसायिक सफलता भी हासिल की।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “जब नए कलाकार और फिल्म निर्माता आते हैं, तब प्रासंगिकता बने रहना बेहद जरूरी हो जाता है। उनके साथ काम कर खुद को नए सिरे से प्रस्तुत करना ही प्रासंगिकता की कुंजी है। बीते समय में जीना छोड़कर नई कहानियों और किरदारों पर काम करना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि एक कलाकार के तौर पर उन्हें चुनौतियां पसंद हैं।
उन्होंने कहा, “जब मैंने 2017-18 में ‘बार्ड ऑफ ब्लड’ में काम किया, वह एक बदलाव था। अगर मैं सिर्फ पुराने ढर्रे पर चलता, तो वह प्रासंगिकता के विपरीत होता।”
अभिनेता ने कहा कि फिल्मों को जमीन से जुड़ा और पूरे भारत में अपील करने वाला बनाना होगा।
उन्होंने कहा, “हमें पूरी तरह से फिल्मों के स्वरूप में बदलाव लाने की जरूरत है।”
उनकी अगली फिल्म ‘ग्राउंड ज़ीरो’ 25 अप्रैल को रिलीज होगी। तेजस देवस्कर द्वारा निर्देशित इस एक्शन-थ्रिलर में सई ताम्हणकर और जोया हुसैन भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म को फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के ‘एक्सेल एंटरटेनमेंट’ के बैनर तले निर्मित किया गया है।
भाषा राखी वैभव
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