मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त सुंदरलाल पराशर को बुधवार को जमानत दे दी। एनआईए ने पराशर को खालिस्तान के लिए सिख आतंकवाद फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे एक समूह से जुड़े एक व्यक्ति को आग्नेयास्त्र उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 में दिल्ली निवासी पराशर को गिरफ्तार किया था। उन्होंने मुंबई में एक विशेष अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ ने बुधवार को विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ पराशर की अपील को मंजूर कर लिया। पीठ ने विशेष अदालत के फैसले को रद्द कर दिया और पराशर को इस मामले पर फैसला आने तक जमानत दे दी।
पीठ ने पूर्व पुलिस अधिकारी को अगले छह महीनों तक महीने में एक बार मुंबई में एनआईए के कार्यालय में पेश होने का भी निर्देश दिया।
वकील मुबिन सोलकर के जरिए दायर की याचिका में पराशर ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और एनआईए मामले में उनकी संलिप्तता साबित करने में नाकाम रहा है।
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि पराशर ने कथित खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरपाल सिंह को एक पिस्तौल और कारतूस उपलब्ध कराए थे। सिंह के कट्टरपंथी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल से कथित रूप से संबंध थे।
भाषा गोला अनूप
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