मुंबई, 30 नवंबर (भाषा) मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के अधिकारी यह जानकर हैरान रह गए कि नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रैकेट चलाने के आरोप में पुणे से गिरफ्तार किए गए चार अफ्रीकियों के पास दो लाख ईमेल आईडी और एक लाख से अधिक मोबाइल फोन नंबरों का एक डाटाबेस था, जिसका उपयोग वे ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के लिए करते थे।
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दो महिलाओं सहित चार आरोपी जाम्बिया, युगांडा, नामीबिया और घाना के नागरिक हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी छात्र वीजा पर भारत आए थे और उनमें से कम से कम तीन लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रूके हुए थे।
पुलिस ने जांच तब शुरू की जब एक व्यक्ति ने मुंबई में बीकेसी में साइबर प्रकोष्ठ से संपर्क किया और दावा किया कि अमेरिका में नौकरी दिलाने के बहाने जालसाजों द्वारा अप्रैल और जुलाई के बीच 26 लाख रुपये की ठगी की गई।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस को चार आरोपियों को पुणे से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों की उम्र 22 से 32 वर्ष के बीच है।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच से पता चला कि आरोपियों के पास दो लाख ईमेल आईडी, 1,04,000 लोगों के मोबाइल फोन नंबर का डाटाबेस था और इसका इस्तेमाल वे लोगों को ठगने के लिए कर रहे थे।’’
पुलिस ने 13 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, विभिन्न देशों के पासपोर्ट, तीन इंटरनेट राउटर, विभिन्न बैंकों की 17 चेकबुक, 115 सिम कार्ड, 40 नकली रबर स्टैंप और कम से कम छह बैंकों के खातों का विवरण भी बरामद किया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) तथा 120-बी (साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा देवेंद्र माधव
माधव
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