गणेश मंडलों से उत्सव को गैर-राजनीतिक रखने और मराठी विरासत को प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया

गणेश मंडलों से उत्सव को गैर-राजनीतिक रखने और मराठी विरासत को प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया

गणेश मंडलों से उत्सव को गैर-राजनीतिक रखने और मराठी विरासत को प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया
Modified Date: August 26, 2025 / 03:24 pm IST
Published Date: August 26, 2025 3:24 pm IST

मुंबई, 26 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के मुंबई में गणेश मंडलों की समन्वय समिति ने उनसे (गणेश मंडलों) अपील की है कि वे विशेष रूप से आगामी नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए गणपति उत्सव को गैर-राजनीतिक रखें तथा उत्सव के दौरान मराठी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दें।

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार से शुरू हो रहे 10 दिवसीय ‘गणेशोत्सव’ को ‘राज्य उत्सव’ का दर्जा दिया है।

मुंबई में गणेश मंडलों की शीर्ष समन्वय संस्था बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘गणेशोत्सव एक भक्तिपूर्ण और सांस्कृतिक उत्सव है और इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए इसे राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।’’

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लोकमान्य तिलक के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए समिति ने मंडलों से उत्सव के दौरान मराठी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की अपील की।

तिलक ने सार्वजनिक रूप से गणेशोत्सव मनाने के लिए एकीकृत अभियान चलाया था। इसमें कहा गया, ‘‘मराठी विरासत की समृद्धि को प्रदर्शित करना और इसे युवा पीढ़ी तक पहुंचाना मंडलों की जिम्मेदारी है।’’

समिति ने कहा कि त्योहार की बढ़ती लोकप्रियता और भव्यता के साथ मंडलों की जिम्मेदारी बढ़ गई है, जहां वे विशेष रूप से कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और समारोह की सांस्कृतिक पवित्रता बनाए रखें।

इसने सभी सार्वजनिक गणेश मंडलों से गणेश उत्सव का सुचारू और अनुशासित आयोजन सुनिश्चित करने, भीड़भाड़ को रोकने और भगदड़ जैसी स्थितियों से बचने की अपील की।

समिति चार दशकों से अधिक समय से गणेश मंडलों, राज्य सरकार, नगर निगम अधिकारियों और पुलिस के बीच त्योहार से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से समन्वय कर रही है।

समिति ने मंडलों से श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, प्राथमिक उपचार और विश्राम की सुविधा भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

समिति के अध्यक्ष नरेश दहीभावकर ने एक बयान में कहा, ‘‘गणेशोत्सव लोगों का त्योहार है और इसे भक्ति, अनुशासन और एकता के साथ मनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’

भाषा प्रीति पवनेश

पवनेश


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