उच्च न्यायालय ने ‘पूर्ण लाभ’ के लिए मृतक अग्निवीर की मां की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

उच्च न्यायालय ने ‘पूर्ण लाभ’ के लिए मृतक अग्निवीर की मां की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

उच्च न्यायालय ने ‘पूर्ण लाभ’ के लिए मृतक अग्निवीर की मां की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया
Modified Date: December 16, 2025 / 07:44 pm IST
Published Date: December 16, 2025 7:44 pm IST

मुंबई, 16 दिसंबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से हुई गोलाबारी में जान गंवाने वाले ‘अग्निवीर’ की मां द्वारा दायर उस याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें नियमित सैनिक के परिवार को ऐसे मामलों में मिलने वाले लाभों से इंकार किए जाने को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अग्निवीर मुरली नायक की मां द्वारा दायर याचिका पर रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 15 जनवरी के लिए तय की।

नायक की मां ज्योतिबाई द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती ‘अग्निवीर’ और नियमित सैनिक के बीच ‘‘मनमाना’’ अंतर किया जाता है।

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याचिका में अग्निवीर के परिवार को मृत्यु के बाद पूर्ण लाभ से वंचित किए जाने के ‘‘भेदभावपूर्ण’’ रवैये पर सवाल उठाया गया है।

अधिवक्ताओं संदेश मोरे, हेमंत घडीगांवकर और हितेंद्र गांधी के माध्यम से दायर याचिका में दलील दी गयी कि अग्निवीर नियमित सैनिकों के समान कर्तव्यों का पालन करते हैं और समान जोखिमों का सामना करते हैं, फिर भी अल्पकालिक भर्ती कार्यक्रम के तहत भर्ती किए गए लोगों (अग्निवीरों) के परिवारों को दीर्घकालिक पेंशन और अन्य कल्याणकारी लाभों से वंचित रखा जाता है।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश


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