सतारा, 26 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि सतारा जिले में महिला चिकित्सक की कथित आत्महत्या के मामले में न्याय मिलने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
सतारा के फलटण में कई विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद फडणवीस ने कहा, “कोशिश की गई कि मैं इस कार्यक्रम में न आऊं। पूर्व सांसद रणजीत सिंह नाईक निंबालकर और स्थानीय विधायक सचिन पाटिल के नाम इस मामले से जोड़े गए। अगर मुझे जरा भी शक होता, तो मैं खुद ही अपना दौरा रद्द कर देता।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले को राजनीति से जोड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने डॉक्टर की कथित आत्महत्या को “संस्थागत हत्या” करार देते हुए रविवार को कहा कि यह घटना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के “अमानवीय और असंवेदनशील” रवैये को उजागर करती है।
मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र स्थित बीड जिले की रहने वाली और सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक का शव बृहस्पतिवार रात फलटण कस्बे के एक होटल के कमरे में फंदे से लटका मिला था।
अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदाने ने कई बार उसके साथ बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
उपनिरीक्षक और इंजीनियर को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
फडणवीस ने कहा कि वह अपनी “छोटी बहन” को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने इस घटना को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, “जब तक न्याय नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस घटना को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, और वह ऐसी कोशिशों को किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे।
महिला चिकित्सक के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया था कि पीड़िता ने कई बार उत्पीड़न की शिकायत की, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई।
एक अन्य रिश्तेदार ने यह भी दावा किया कि जिस उप-जिला अस्पताल में वह कार्यरत थी, वहां उस पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डाला गया था।
भाषा खारी धीरज
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