अवैध निर्माण सुनियोजित विकास को नुकसान पहुंचाते हैं: मुंबई उच्च न्यायालय
अवैध निर्माण सुनियोजित विकास को नुकसान पहुंचाते हैं: मुंबई उच्च न्यायालय
मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि अवैध निर्माण शहर के नियोजित विकास को पूरी तरह से खतरे में डाल देते हैं और मौजूदा संसाधनों का दोहन करते हैं।
अदालत ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को घाटकोपर में खेल के एक मैदान के लिए आरक्षित भूखंड पर अनधिकृत रूप से बनाए गए सामुदायिक भवन को एक सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का आदेश देते हुए यह बात कही।
न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खता की पीठ ने 17 अप्रैल को अपने फैसले में कहा कि कानून का पालन करने वाले नागरिक जिनके पास अधिकृत संरचनाएं हैं, उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इन अवैध निर्माणों की वजह से उनके लिए आवश्यक संसाधनों का दोहन हो रहा है।
पीठ ने बीएमसी के संबंधित अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया और निकाय आयुक्त को उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने तथा छह महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
पीठ ने बीएमसी को ट्रस्ट द्वारा किए गए अवैध निर्माण को एक सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने और भूखंड को खुली जगह के रूप में बनाए रखने और भविष्य में वहां किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया।
यह आदेश बीएमसी और महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) द्वारा अखिल भटवाड़ी सार्वजनिक उत्सव मंडल को घाटकोपर में 585 वर्ग मीटर भूमि पर सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए दी गई अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया गया।
भाषा वैभव देवेंद्र
देवेंद्र

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