पिंपरी चिंचवड़ में नगर निगम अधिकारियों ने नदी किनारे बने 36 अवैध बंगले ढहाने शुरू किए

पिंपरी चिंचवड़ में नगर निगम अधिकारियों ने नदी किनारे बने 36 अवैध बंगले ढहाने शुरू किए

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  • Publish Date - May 17, 2025 / 06:02 PM IST,
    Updated On - May 17, 2025 / 06:02 PM IST

पुणे, 17 मई (भाषा) पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ उपनगर में नगर निकाय अधिकारियों ने इंद्रायणी नदी के किनारे अवैध रूप से बनाए गए 36 बंगलों को शनिवार को ढहाना शुरू कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के अधिकारी और कर्मचारी सुबह चिखली गांव में साइट पर पहुंचे।

नगर आयुक्त शेखर सिंह ने कहा कि नगर निकाय ने बंगलों को ढहाना शुरू कर दिया है क्योंकि मानसून के मौसम में ध्वस्तीकरण अभियान नहीं चलाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “भूमि और बंगलों के मालिकों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा पारित आदेश के खिलाफ फिर से उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय चार मई को उनकी याचिका का निपटारा करके पीसीएमसी को इन संरचनाओं को ध्वस्त करने के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया था।”

स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता तानाजी गंभीरे ने रिवर विला परियोजना के खिलाफ एनजीटी का रुख किया था। उन्होंने अपनी याचिका कहा था कि बंगले ब्लू लाइन के अंदर बनाए गए थे, जो नदी के किनारे से सटा हुआ क्षेत्र है।

याचिका में कहा गया है कि इस स्थान पर विकास गतिविधियों की अनुमति नहीं है।

‘मेसर्स जेयर वर्ल्ड और मेसर्स वी स्क्वायर की यह परियोजना चिखली गांव में स्थित है।

एक जुलाई, 2024 को एनजीटी ने पीसीएमसी को अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने और बंगला मालिकों और अन्य पक्षों से पर्यावरण क्षति मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया था।

नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निकाय जल्द ही बंगला मालिकों से पर्यावरण क्षति मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपये भी वसूलेगा।

भाषा जोहेब माधव

माधव