कैबिनेट मंत्री पर स्याही फेंकने के मामले में कार्रवाई, 3 अधिकारी और 7 कांस्टेबल सस्पेंड |

कैबिनेट मंत्री पर स्याही फेंकने के मामले में कार्रवाई, 3 अधिकारी और 7 कांस्टेबल सस्पेंड

पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा कि पुलिस ने पाटिल पर स्याही फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।

Edited By :   Modified Date:  December 11, 2022 / 10:06 AM IST, Published Date : December 11, 2022/12:01 am IST

Action in case of throwing ink on cabinet minister: महाराष्ट्र। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई। अब इस घटना पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने अपने सात कांस्टेबलों और तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल की कथित टिप्पणी को लेकर पुणे के उपनगरीय इलाके पिंपरी में शनिवार को उन पर स्याही फेंकी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा कि पुलिस ने पाटिल पर स्याही फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।

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Action in case of throwing ink on cabinet minister: इस घटना के एक वीडियो में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पर तब स्याही फेंक रहा है जब वह पिंपरी चिंचवाड़ स्थित एक इमारत से निकल रहे थे। लेकिन मंत्री की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने युवक को तुरंत पकड़ लिया।

 

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डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में की गई कथित टिप्पणी

औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरन राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री की ओर से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में की गई कथित टिप्पणी के बाद यह हमला किया गया।

हमले से पहले कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री के काफिले को काला झंडा दिखाने की कोशिश की।

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शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री पाटिल ने मराठी में कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा, उन्होंने लोगों से स्कूल और कॉलेज शुरू करने के लिए धन इकट्ठा करने के लिए ‘‘भिक्षा’’ मांगी। ‘‘भिक्षा’’ शब्द के प्रयोग से विवाद खड़ा हो गया।

शनिवार रात उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह इस तरह के हमलों से डरते नहीं हैं और सभी विपक्षी नेताओं को इसकी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बयान को गलत समझा गया।’’

उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के निर्देशों का पालन करने और कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की।